MP में हेल्थ सर्विस भी होंगी आत्मनिर्भर, डॉक्टर से लेकर वॉर्ड बॉय तक देंगे सुझाव– News18 Hindi

MP में हेल्थ सर्विस भी होंगी आत्मनिर्भर, डॉक्टर से लेकर वॉर्ड बॉय तक देंगे सुझाव– News18 Hindi


भोपाल.मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं (Health Service) को भी आत्मनिर्भर (self-reliant) बनाया जाएगा. इसके लिए मंथन होगा जिसमें डॉक्टरों से लेकर अस्पताल में काम करने वाले वॉर्ड बॉय तक शामिल किए जाएंगे. इन सबके अनुभव, दिक्कतों और सुझाव के आधार पर फिर रोड मैप तैयार किया जाएगा.

मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए रोड मैप बनाया जाना है. लेकिन उससे पहले इसके लिए बड़ा मंथन किया जाएगा. इस मंथन में शोधकर्ता, डॉक्टर से लेकर वार्ड बॉय तक शामिल होंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भोपाल में मार्च में दो दिन का मंथन होगा.इसमें ईज ऑफ हेल्थ सर्विसेज के लिए गाइड लाइन तय की जाएंगी.इस पर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कैबिनेट में अपना प्रजेंटेशन दिया.

डॉक्टर से लेकर वार्ड बॉय तक

मंथन-2021 में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े उच्च अधिकारियों से लेकर वार्ड बॉय, सुरक्षाकर्मी, प्राइवेट संस्थान के प्रतिनिधि और विषय-विशेषज्ञ शामिल होंगे. चिकित्सा शिक्षक, चिकित्सक, शोधकर्ता, वैज्ञानिक, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े प्रोजेक्ट मैनेजर और वित्तीय सलाहकार, पैरामेडिकल क्षेत्र के प्रतिनिधि, चिकित्सकीय सामाजिक कार्यकर्ता, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी इनवाइट किया जाएगा. साथ ही यूनिसेफ, डब्लू.एच.ओ. और वर्ल्ड बैंक जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधि भी इसमें मौजूद रहेंगे.

8 ग्रुप्स में मंथन
मंथन के लिए 8 विषय होंगे. इन पर 8 ग्रुप्स मंथन करेंगे. हर समूह में 10 से 12 लोग होंगे. उनके सुझावों और विचारों के आधार पर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए आगले तीन साल के लिए रोडमैप बनाया जाएगा.

मंथन-2021 के 8 विषय

1-चिकित्सा शिक्षा बेहतर बनाना

2–मेडिकल स्टूडेंट्स, चिकित्सक और अन्य वर्गों के कल्याण के लिए मानक तय करना.

3-नागरिकों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए ईज ऑफ हेल्थ की गाइड लाइन तय करना

4-पेशेंट सेफ्टी और हेल्थ सर्विस में सुधार के लिए सुझाव.

5-नवीनतम आई.टी. और ए.आई. आधारित तकनीक और चिकित्सा यांत्रिकी के उपयोग को प्रोत्साहन.

6-चिकित्सकीय मानव संसाधन की क्षमता वृद्धि और अधोसंरचना विकास के आयाम तय करना.

7-सामाजिक समावेश, सहभागिता, सीएसआर और पीपीपी मॉडल को चिकित्सकीय क्षेत्र में आत्मसात करना.

8-प्रदेश में मेडिकल रिसर्च को बढ़ावा देना.

इसके अलावा मेडिकल रिसर्च को बढ़ावा देने पर ज़ोर रहेगा.इसके लिए राष्ट्रीय शोध संस्थानों आईसीएमआर, डीआरडीओ, डीबीटी, सीएसआईआर के साथ बात की जाएगी और उनका सहयोग लिया जाएगा.





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