मध्य प्रदेश में दो वर्ष पहले वाहनों में एचएसआरपी लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. ट्रांसपोर्ट विभाग ने एक कंपनी को राज्य में एचएसआरपी लगाने का काम सौंपा था, लेकिन कंपनी काम ठीक से नहीं कर रही थी, इसलिए राज्य ट्रांसपोर्ट विभाग ने कंपनी का टेंडर निरस्त कर दिया और दूसरी कंपनी को काम देने की प्रक्रिया शुरू कर दी. इसे लेकर कंपनी अदालत चली गई. मामला अभी अदालत में चल रहा है. जब तक मामले में कोई फैसला नहीं आ जाता है, तब तक ट्रांसपोर्ट विभाग एचएसआरपी लगाने का टेंडर किसी और को नहीं दे सकती है. इसलिए मध्य प्रदेश में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का अभी बंद चल रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश के वाहना जो दूसरे राज्य में चल रहे हैं. उन्हें नंबर प्लेट बदलवाना होगा. दिल्ली एनसीआर में दूसरे राज्यों के तमाम वाहनों के एचएसआरपी लगवाए जा रहे हैं.
राज्य के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन बताते हैं कि राज्य में एचएसआरपी के लिए नए वेंडर को टेंडर दिया जाएगा. इस संबंध में अदालत के फैसले का इंतजार है, उसके बाद ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी. कई वेंडरों को इन-पैनल किया जाएगा. इसका सबसे बड़ा फायदा वाहन मालिक को होगा. उन्हें एचएसआरपी लगवाने के लिए आरटीओ में या वाहन डीलर के कई दिनों की वेटिंग का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. वाहन स्वामी परिवहन विभाग द्वारा इन-पैनल किए जाने वाले किसी भी वेंडर के यहां नई नंबर प्लेट लगवा सकेगा.