जटिल ऑपरेशन: डेढ़ घंटे में किया बच्चे का ऑपरेशन; 9 माह के मासूम की श्वास नली में फंसा था एलईडी बल्ब, 10 सदस्य टीम ने किया सफल ऑपरेशन

जटिल ऑपरेशन: डेढ़ घंटे में किया बच्चे का ऑपरेशन; 9 माह के मासूम की श्वास नली में फंसा था एलईडी बल्ब, 10 सदस्य टीम ने किया सफल ऑपरेशन


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इंदौर2 घंटे पहले

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ऑपरेशन के बाद बच्चे के गले से निकाला LED बल्ब।

एमवाय अस्पताल के नाक, कान, गला विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर आरके डॉ. आर के मूंदड़ा और डॉ. यामिनी गुप्ता के मार्गदर्शन में डॉक्टर जगराम वर्मा की टीम ने एक जटिल ऑपरेशन कर 9 माह के बच्चे की जान बचाई। इस बच्चे को निजी अस्पताल में भर्ती किया था। 4 दिन बाद भी वहां के डॉक्टरों को इसकी बीमारी समझ नहीं आई तब थक-हार कर पालक एमवाय इस बच्चे को लेकर पहुंचे, यहां इसका इलाज किया गया। बच्चे की श्वास नली में एलईडी बल्ब फंसा हुआ था, जो कि गलती से चला गया था।

जानकारी के मुताबिक 9 माह के कार्तिक पिता जितेंद्र पाटिल निवासी भागीरथपुरा को अचानक अधिक खांसी और सांस लेने में थोड़ी तकलीफ होने लगी, जिसके लिए परिजन उसे पास के निजी क्लीनिक ले गए। 4 दिन उपचार के बाद ही मरीज को कोई आराम नहीं हुआ। स्थिति बिगड़ती देख गंभीर हालत में अस्पताल के नाक, कान, गला विभाग लेकर आए, जिसे तुरंत भर्ती कर के मरीज को ऑक्सीजन पर रखा गया एवं सिटी स्कैन कराया, जिसमें पता चला कि मरीज की बाएं तरफ के फेफड़े के ऊपर श्वास नली में कुछ सेफ्टीपिन जैसा फंसा हुआ है एवं बाया फेफड़ा पूरी तरह से बंद पड़ा है। गंभीर हालत देख बच्चे को तुरंत ऑपरेशन थिएटर ले गए। डॉक्टर आरके मूंदड़ा विभागाध्यक्ष, डॉ. यामिनी गुप्ता प्रोफेसर नाक-कान-गला विभाग के मार्गदर्शन में डॉक्टर जगराम वर्मा एसोसिएट प्रोफेसर एवं निशा चेतना विशेषज्ञ डॉक्टर रश्मि पाल एसोसिएट प्रोफेसर एवं डॉ. दीपाली सहायक अध्यापक एवं दोनों विभाग के सहयोग की मदद से दूरबीन पद्धति द्वारा यह जटिल ऑपरेशन कर एलईडी बल्ब उसके तार सहित सफलता पूर्वक निकालने में कामयाब हुए।

डॉक्टर जगराम वर्मा

डॉक्टर जगराम वर्मा

डॉक्टर जगराम वर्मा ने बताया एमवाय में इतने छोटे बच्चे का इस तरह का ऑपरेशन पहली बार किया है क्योंकि अमूमन 1 और 2 वर्ष के बच्चे सीताफल के बीज, (कॉइन) पैसे , ऑल पिन यह तो निकल लेते हैं लेकिन 9 माह के बच्चे के शरीर के अंदर इस तरह से एलईडी बल्ब निकालने का पहली बार अनुभव डॉक्टर जगराम को हुआ। 9 माह के कार्तिक को अस्पताल लेकर आए थे, उस वक्त सीटी स्कैन करने पर एक बार में स्थिति क्लियर नहीं हुई क्योंकि एलईडी बल्ब के ऊपर कांच लगा होता है और सिटी स्कैन में केवल तार दिखाई दे रहा था जिसके बाद दो या तीन बार सीटी स्कैन करने पर वह स्थिति साफ हुई। पहले डॉक्टर को लग रहा था कि यह ऑल पिन है लेकिन ऑल पिन के दोनों तरफ का हिस्सा इस तरह का नहीं हो सकता है। ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टर भी खुद चकित रह गए। लगभग डेढ़ घंटे में 9 माह के बच्चे के शरीर से इस एलईडी बल्ब को निकाला गया है और बच्चे इस वक्त सुरक्षित और स्वस्थ है।



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