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- Virtual Release Of More Than 57 Thousand Water Structures, Chief Minister Shivraj Singh Chauhan Said In Next Three Years, Water Pipelines Will Be Laid In Every Village
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भोपाल35 मिनट पहले
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मध्यप्रदेश में जलाभिषक कार्यक्रम के तहत 5 हजार से जयादा जल संरचनाओं का लोकार्पण किया गया
- मध्यप्रदेश में जलाभिषेक कार्यक्रम की शुरुआत।
- राजनाथ सिंह बोले- अभियान का स्थानीय ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय महत्व भी।
- 2 हजार करोड़ की लागत से 57 हजार 653 जल संरचनाएं बनी
- ढाई लाख एकड़ जमीन की होगी सिंचाई
भोपाल के मिंटो हॉल में गुरुवार से जलाभिषेक कार्यक्रम के तहत 2 हजार करोड़ की लागत से 57 हजार 653 जल संरचनाओं का वर्चुअल लोकर्पण किया गया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी वर्चुअल उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअली हितग्राहियों से भी बात की।
अभियान राष्ट्रीय महत्व का
कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि इस अभियान का केवल स्थानीय ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय महत्व भी है। यह कार्यक्रम भयानक संकट से बचने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा निजी स्वार्थ के लिए कृषि कानून पर भ्रम फैलाया गया। जबकि पीएम और कृषि मंत्री कह चुके हैं कि एमएसपी है, थी और रहेगी। मंडियों को खत्म नहीं किया जाएगा।
ढाई लाख एकड़ जमीन होगी सिंचित
वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जलाभिषेक कार्यक्रम के तहत बनी जल संरचनाओं से ढाई लाख एकड़ जमीन को सिंचित किया जाएगा। इससे इंसान के साथ ही मवेशियों, पक्षियों को भी पानी मिल रहा है। भू-जल स्तर में भी बढ़ोतरी हो रही है। पीएम कृषि सिंचाई योजना का भी हम फायदा उठा रहे हैं। हमने तय किया है कि पूरे प्रदेश में आने वाले 3 साल में हर गांव में पानी की पाइप लाइन बिछा देंगे।
मनरेगा में मध्यप्रदेश ने बेहतर काम किया
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि जब शिवराज सिंह चौहान पहली बार मुख्यमंत्री बने तब पानी का भारी संकट था। उस समय जलाभिषेक का पहला प्रोग्राम नीमच जिले में किया गया था। मनरेगा को लेकर जब दूसरे प्रदेश धरातल पर लाने का सोच रहे थे। तब पूरे देश में मनरेगा को लेकर मध्यप्रदेश ने सबसे बेहतर कार्य किया।
5773 स्टॉप डैम, 864 बावड़़यों का उद्धार
मध्यप्रदेश में 57 हजार 653 जल संरचनाएं कोरोना काल में बनी। 53,517 मनरेगा में बनी और 4136 वाटर शेड के क्षेत्र में बनी है। इनमें 17,604 व्यक्तिगत तालाब, 2365 सामुदायिक खेत तालाब, 1972 परकोलेशन टैंक, 5773 स्टॉप डैम, 19,008 कपिल धारा कुएं, 2518 सामुदायिक कूप और 864 बावड़़यों का उद्वार किया गया। 95,462 हेक्टेयर जमीन इससे सिंचित होगी, बिना एक इंच अतिरिक्त जमीन डुबोए।
बुंदेलखंड के 800 तालाब चिन्हित किए
शिवराज सिंह ने कहा कि बुंदेलखंड के 800 ऐतिहासिक तालाब हमने चिन्हित किए हैं, ये चंदेलों के जमाने की धरोहर है। एक समय था जब छत्रसाल महाराज ने अभियान चलाया था। तालाबों को मरम्मत करने का अब हम अभियान चला रहे हैं। पीएम कृषि सिंचाई योजना का भी हमने बहुत अच्छी तरह से उपयोग करने का अभियान चला रखा है।