पैट कमिंस ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो के ‘द क्रिकेट मंथली’ से कहा, ”मेरी नजर में पुजारा ईंट की दीवार थे. विराट के जाने के बाद पुजारा मेरे लिए बड़ा विकेट था.” उन्होंने कहा, ”वह दो साल पहले सीरीज में निर्णायक साबित हुआ था. वह मध्यक्रम में उनकी दीवार था. मैं भी वह सीरीज खेला था और मैं जानता था.”
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पैट कमिंस ने कहा, ”सिडनी में ड्रॉ में उन्होंने निर्णायक भूमिका निभाई और फिर गाबा पर जीत में भी. उसने सीरीज में अपनी छाप बखूबी छोड़ी.” पुजारा और कमिंस का सामना भी सीरीज के आकर्षण में से रहा. कमिंस ने आठ में से पांच पारियों में पुजारा को आउट किया. पुजारा ने उनकी 928 गेंदों का सामना करके 271 रन बनाए.
कमिंस ने कहा,” पहले दो मैचों के बाद मुझे लगा कि पुजारा अपनी शैली में कुछ बदलाव करके गेंदबाजों पर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे लेकिन उन्होंने कुछ और ही किया. उनकी सोच थी कि वह अपने खेल को बखूबी जानते हैं और क्रीज पर डटे रहेंगे, रन खुद-ब-खुद बनेंगे. वह कठिन स्पैल का सामना करने के लिए ही डटे हुए थे.”
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उन्होंने कहा कि एक गेंदबाज के लिए पुजारा को गेंद डालना कठिन चुनौती है, क्योंकि वह किसी से डरते नहीं हैं. पुजारा ने ब्रिस्बेन में आखिरी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के तेज आक्रमण के सारे प्रहार खुद झेलते हुए 211 गेंदों में 56 रन बनाकर भारत की ऐतिहासिक जीत की नींव रखी थी.