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बीना11 मिनट पहले
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मां की गोद के पास खेलती दोनों बेटियां।
- बेटियों को मारने का वीडियो वायरल होने के बाद दो दिन घर से बाहर नहीं निकली जयंती बाई
- घर में पिछले 15 दिन से नहीं था गैस सिलेंडर, पति जो कमाता भाई को जेल से छुड़ाने में लगाता
एक दिन पहले वायरल वीडियो में बीना के बम्हौरी केला गांव की जिस जयंती बाई का मासूम बेटियों को मारते हुए शर्मनाक चेहरा सामने आया था। घटना के ठीक एक दिन बाद शनिवार को वही जयंती बाई अपनी दोनों बेटियों को घर के बाहर बैठकर गोद में खिलाती मिलीं। दोनों बेटियां मां की गोद के पास खेलती हुईं खाना खाती हुईं दिखीं। भास्कर टीम शनिवार को बम्हौरी केला गांव पहुंची और जयंती बाई से दोनों बच्चियों को मारने का कारण पूछा। तो जयंती बाई ने उस दिन हुई पूरी घटना अपने शब्द में ही बयां कर दी।
जयंती बाई ने कहा वो (पति मोहन कुशवाहा) हमें जब चाहे मारते थे। हमने बच्चों को गुस्से में मारा। हमाए बच्चे हम क्यों उन्हें मारेंगे? घटना के दिन पहले पति ने आकर मुझे सिर में लात मारी। उनसे किसी तरह छूट कर मैं आंगन में गई। उन्होंने मुझे मारा तो मैंने गुस्से में बेटियों को मारा। तो उन्होंने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया और पुलिस को बुला लिया। पति जब चाहे छोटी-छोटी बातों पर लड़ने लगते हैं। पिछले दो दिन से हमारे बीच झगड़ा हो रहा था। वे शादी के बाद से ही मुझे मारते हैं। अब मैं मर भी जाऊंगी, लेकिन बच्चों को नहीं मारूंगी। वे मारेंगे तो पति की शिकायत भले ही थाने में कर दूंगी।
जयंती बाई ने बताया कि पति मोहन कुशवाहा के बड़े पिताजी व भाई खुरई जेल में बंद हैं। पति जो कमाता है उन्हें वहां से छुड़ाने के लिए लगा देता है। घर-परिवार व बच्चों पर कोई ध्यान नहीं देते। कभी-कभी शराब पीकर भी घर आते हैं। जयंती बाई ने बताया कि उसकी दोनों बेटियों की डिलेवरी भी मायके में हुई है। पहले पति बोलता था कि दोनों बेटियां हो गईं, हालांकि अब यह बोलना बंद कर दिया है।

घर की दहलीज पर बैठकर दोनों बेटियों को बाटियां खिलाती जयंती बाई।
दो दिन घर से बाहर नहीं निकली जयंती बाई
जयंती बाई ने बताया कि पति ने बेटियों को मारते हुए वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। इससे वह दो दिन घर से बाहर नहीं निकली और सदमें में रही। शनिवार को वह हिम्मत करके घर की दहलीज पर दोनों बेटियों को लेकर बैठी। जयंती ने बताया कि उसे आंखों और एक हाथ में थोड़ी तकलीफ है, लेकिन पति उसका भी इलाज नहीं कराता। घर में पिछले 15 दिन से गैस सिलेंडर नहीं है। गैस भी नहीं भरवाई। उनसे कहो तो कहते है कि मेरे पास पैसे नहीं है। इसलिए अभी नहीं भरवा रहे हैं। जयंती ने शुक्रवार को बाटियां बनाई थी। शनिवार को भी दोनों बेटियों के लिए वहीं बाटियां दहलीज पर बैठकर खिलाईं और दोनों बेटियां अब मां के साथ खेल रही हैं।