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- As Soon As The Chief Minister Left, The Van Disappeared From The Shelters, The People Called From Outside Also Ran Away… The Wrong Information Given To The Chief Minister To Rob Bravado
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इंदौर2 घंटे पहले
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CM शिवराज सिंह चौहान जब रात में रैन बसेरा पहुंचे तो यहां की व्यवस्था देख खुश हो गए।
रैन बसेरा में जो रुके हैं, वे यहां की व्यवस्थाओं से संतुष्ट हैं, सफाई भी ठीक है। उन्हें भोजन भी अच्छा मिलता है। किसी के साथ अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रात में रैन बसेरा का दौरा करने के बाद कुछ ऐसे ही शब्दों को कहते हुए मुख्यमंत्री यहां से रवाना हुए थे। हालांकि CM के मुंह मोड़ते ही बुजुर्गों के साथ अमानवीय हरकत करने वाले नगर निगम के कर्मचारी फिर से अपनी पर उतर आए और फिर वही किया। CM को दिखाने के लिए फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस की तर्ज पर कुछ लोगों को रैन बसेरा में सुलाया गया था, वे वापस अपने घर लौट गए थे। वहीं, जिस स्टॉफ की रात में रुकने की जिम्मेदारी थी, उनमें से भी कुछ घर जाकर आराम फरमाने लगे थे। इसमें रैन बसेरा की इंजार्च भी थीं।

ड्यूटी चार्ट में जिन संचालक बबीता चौहान का नाम लिखा था, CM के जाते ही वह भी लौट गईं।
CM के आने की जानकारी लगते ही सब चकाचक
CM शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार रात इंदौर पहुंचे। उन्होंने सुखलिया और झाबुआ टावर के पास स्थित रैन बसेरा पहुंचकर वहां की व्यवस्थाओं को देखने की बात कही। यह सुनते ही दोनों जगह पर सभी व्यवस्थाओं को तत्काल ठीक किया गया। ताबड़तोड़ लाइट फिटिंग की गई। अलाव जलाने के साथ ही साफ-सफाई और रूम फ्रेशनर का छिड़का किया गया। बिस्तर भी व्यवस्थित किए गए। कुछ लोगों को बाहर से बुलाकर सुला दिया गया। CM यहां पहुंचे तो सब चकाचक नजर आया। उन्होंने सुखलिया रैन बसेरे में रजिस्टर चेक कर अंदर ठहरे लोगों से सफाई, भोजन आदि के बारे में पूछताछ की। सभी ने रेन बसेरा की व्यवस्था की काफी तारीफ की। CM भी संतुष्ट होकर वापस लौट गए।

CM ने कंबल उठाकर भी चेक किए कि कोई गड़बड़ तो नहीं।

सीएम के दौरे के पहले खुद निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल रेन बसेरा में व्यवस्था देखने पहुंची थीं।
मुख्यमंत्री के जाते खुली पोल
CM करीब रात सवा 12 बजे के करीब यहां से रवाना हो चुके थे। इसके बाद निगम ने अपना काम शुरू किया। रात 1 बजे जब सुखलिया बापट चौराहा स्थित उसी रैन बसेरा का जायजा लिया गया तो पता चला कि यहां बाहर के गेट पर ताला लटक चुका है। स्टॉफ को परिचय देने के बाद ताला खुलवाया गया। ताला खुलते ही जिस जगह पर कुछ देर पहले इंचार्ज बबीता चौहान CM को रेन बसेरा के बारे में जानकारी दे रही थीं। वे खुद अपने घर के लिए रवाना हो चुकी हैं। हालांकि आज रात की निगरानी व्यवस्था उनके ही जिम्मे थी। यहां सिर्फ एक निगमकर्मी विक्की पटेल मौजूद था।

CM के जाते ही संचालक घर गईं, रैन बसेरा में ताला लटक गया।
कर्मचारी विक्की पटेल ने बबीता को फोन लगाया, लेकिन इसके बाद भी वह नहीं आईं। विक्की बोला- वे बोलकर गई हैं कि खाना खाने जा रही हैं। हालांकि काफी देर तक वे नहीं लौटीं, संभवत: खाना खाने के बाद नींद आ गई हो। यहां पर CM को बताया गया था कि रात में 9 लोग रुके हुए हैं। रजिस्टर में एंट्री भी इतने ही लोगों की थी। पड़ताल की गई तो पता चला कि अब यहां 6 लोग हैं। 3 कहीं चले गए हैं। विक्की से पूछने पर पता चला कि दो लोग अस्पताल गए हुए हैं। एक के बारे में वह जानकारी नहीं दे पाया। यह सब देखकर मुन्नाभाई एमबीबीएस फिल्म के संजय दत्त की याद आ गई, जब पिता आते हैं तो वह अपने टपोरियों को मरीज बनाकर बेड पर सुला देता है। शायद मुख्यमंत्री को दिखाने के लिए निगमकर्मियों ने भी वही ट्रिक अपनाई हो। हालांकि अंधेरी रात में रैन बसेरा में CM के सामने जो रखा गया, उसकी हकीकत उनके जाने के बाद सामने आई।

जिस बेड पर तीन लोग आराम कर रहे थे, वे खाली हो चुके थे।

सुखलिया स्थित रेन बसेरा में CM शिवराज सिंह चौहान पहुंचे थे।