राशन माफिया: माफिया के ड्रायविंग और आर्म्स लायसेंस निरस्त, जल्द प्रक्रिया शुरू,जल्द फरार पर ईनाम घोषित की तैयारी

राशन माफिया: माफिया के ड्रायविंग और आर्म्स लायसेंस निरस्त, जल्द प्रक्रिया शुरू,जल्द फरार पर ईनाम घोषित की तैयारी


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इंदौर2 घंटे पहले

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फाइल फोटो

एसआईटी ने फैसला लिया कि अनाज माफियाओं के ड्रायविंग और आर्म्स लाइसेंस निरस्त कराए जाएंगे। साथ ही पासपोर्ट भी रद्द कराएंगे। ये ही नहीं, फरार माफियाओं पर इनाम घोषित होगा। रासुका में बंद मुलजिमों को रिमांड पर लाकर पूछताछ की जाएगी। एसआईटी के प्रभारी राजेश व्यास ने टीम की बैठक ली । टीम में सीएसपी अन्नपूर्णा, भंवरकुआ, सराफा और छत्रीपुरा टीआई हैं। अनाज माफियाओं के खिलाफ जूनी इंदौर, भंवरकुआं, रावजी बाजार, छत्रीपुरा, सराफा और चंदननगर थाने में दस मामले दर्ज हैं। करीब एक दर्जन मुलजिम फरार हैं।

थाना प्रभारियों से कहा गया है कि जिनके भी थाने में अनाज माफियाओं के खिलाफ मामले दर्ज हैं, वो फरार मुलजिमों पर इनाम घोषित करवाएं। भरत दवे और श्याम दवे पर रासुका हुई थी। अब इनको जेल से रिमांड पर लाकर पूछताछ की जाएगी। मुलजिमों के ड्रायविंग और आर्म्स लायसेंस निरस्त कराने की शुरुआत कर दी है। कलेक्टर और आरटीओ को पत्र लिखकर निरस्त करा दिए जाएंगे। पासपोर्ट रद्द करने की पहल भी की जा रही है।छावनी के अग्रवाल बंधुओं को- अनाज माफियाओं ने उपभोक्ता भंडार का राशन छावनी के अग्रवाल बंधुओं को बेचाहै। महू के घासलेट माफिया से भी यहीं के व्यापारियों ने माल खरीदा था।एसआईटी को व्यापारी का पूरा नाम तो पता नहीं चला है, लेकिन ये जरूरपता चल गया है कि छावनी पुल के पास तीसरे नंबर का गोदाम अग्रवाल का है।दहीगुड़े पड़ा भारी- एक ओर तो अनाज की काला बाजारी में शामिल सभी माफियाओं पर पुलिस और प्रशासन सख्त कार्रवाई कर रहा है। दूसरी तरफ अनाज माफिया प्रमोद दहीगुड़े के मामले में रियायत दे दी गई। इसको लेकर अफसरों पर आरोप लग रहे हैं।

यह है मामला —कलेक्टर मनीष सिंह ने 19 जनवरी को खुलासा करते हुए बताया था कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान गरीबों को अनाज की समस्या नहीं हो, इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने विविध योजनाओं के तहत दोगुना अनाज भेजा था, लेकिन राशन माफियाओं ने केवल 12 दुकानों में ही 79 लाख रुपए के ढाई लाख किलो अनाज में गबन कर दिया था , जो जिले के 51 हजार गरीबों को वितरित होना था। वहीं, इस अनाज के वितरण की जिम्मेदारी जिस जिला फूड कंट्रोलर आरसी मीणा की थी, वह खुद इसमें लिप्त थे।

इन पर हुई है एफआईआर31 व्यक्तियों के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 सहित आईपीसी की धारा 420, 409, 120बी के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है।

माफियाओं की भूमिका

  • भरत दवे : राशन के हेरफेर का पूरा खेल यही खेल रहा था। दुकान संचालकों ने भी इस बात को स्वीकारा है। उनके अनुसार असल में दुकान का संचालक तो भरत दवे था, हम तो मात्र चेहरे थे। यह एक संगठन से जुड़े होने से दादागीरी भी करता था। यह दुकान से माल की चोरी और उसे बेचकर पैसा ले जाने का काम भी करता था।
  • श्याम दवे : कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों का कहना है कि यह छात्र प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी समिति का उपाध्यक्ष है। राशन माफिया भरत दवे का सहयोगी भी है और इस कालाबाजारी में दवे का पूरा सहयोगी है।
  • प्रमोद दहीगुडे : यह खुद तीन दुकानों का संचालन करता है। दवे के साथ मिलकर राशन की कालाबाजारी किया करता था।
  • आरसी मीणा : इंदौर के प्रभारी फूड कन्ट्रोलर आरसी मीणा की भी राशन माफियाओं से मिलीभगत पाई गई थी। राशन को लेकर मीणा की जिम्मेदारी निरीक्षण और पर्यवेक्षण की थी, लेकिन वे खुद अधिकारियों को जांच करने से रोक कर रहे थे। जांच खाद्य निरीक्षकों काे भविष्य खराब करने की धमकी भी दी जा रही थी। अधिकारियों ने शिकायत पर उन्हें निलंबित करने के आदेश कमिशनर डॉ. पवन कुमार शर्मा ने 13 जनवरी को देते हुए अलीराजपुर अटैच कर दिया था।

चंदननगर थाने में

  • पहली एफआईआर में- अखिलेश शिंदे, भरत दवे, श्याम दवे, कमल सदाशिव शर्मा, पन्नालाल यादव, आरसी मीणा आरोपी
  • दूसरी एफआईआर में- राहुल चौधरी, भरत दवे, श्याम दवे, आशा, चंद्रिका, और आरसी मीणा

छत्रीपुरा थाने में

  • पहली एफआईआर में- प्रमोद दहीगुडे, शंकुतला वर्मा और आरसी मीणा
  • दूसरी एफआईआर में- प्रमोद दहीगुडे, राकेश राठौर और आरसी मीणा

भवंरकुआ थाने में

  • पहली एफआईआर –धीतेश दवे, कमलेश कनाडे, श्याम दवे, भरत दवे और आरसी मीणा
  • दूसरी एफआईआर- दलबार सिंह, रमेश सिंह, ललित दयाराम, भरत दवे, श्याम दवे, आरसी मीणा
  • तीसरी एफआईआर में- सुनील चौधरी, विवेक पुरूषोत्तम, दिलीप गौड, भरत दवे, श्याम दवे और आरसी मीणा

रावजी बाजार थाने में

  • धर्मेंद्र पुरोहित, अमित दवे, भरत दवे, श्याम दवे, अंजू और आरसी मीणा

सराफा थाने में

  • अनिल पालीवाल, राजेश पालीवाल, कांता देवी, विजया, भरत दवे, श्याम दवे और आरसी मीणा



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