80 लाख राशन घोटला मामला: राशन माफिया प्रमोद दही गुड़े को जमानत नहीं, बेटी की शादी में शामिल होने के लिए लगाई थी अर्जी

80 लाख राशन घोटला मामला: राशन माफिया प्रमोद दही गुड़े को जमानत नहीं, बेटी की शादी में शामिल होने के लिए लगाई थी अर्जी


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इंदौर15 मिनट पहले

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पिछले दिनों सामने आए 80 लाख के राशन घोटाला मामले में पकड़े गए उपभोक्ता भंडार के संचालक प्रमोद दहीगुड़े को कोर्ट से जमानत नहीं मिल पाई। प्रमोद ने बेटी की शादी का हवाला देकर याचिका लगाई थी। कोर्ट ने विवेचना जारी होने का हवाला देकर अर्जी ठुकरा दी।

19 जनवरी को लाॅकडाउन में गरीबों के लिए आए राशन का कुछ लोगों ने गबन कर लिया था। प्रशासन ने कंट्रोल दुकानों से बड़ा घोटाला पकड़ा था। तकरीबन 10 उपभोक्ता भंडार की 14 दुकानों की जांच में गरीबों के 80 लाख रुपए के 2555 क्विंटल गेहूं-चावल को खुले बाजार-उद्योगों को बेचने का खुलासा हुआ था। इससे 12303 गरीब लोग राशन से वंचित रह गए। मामले में भरत दवे, श्याम दवे और प्रमोद दहीगुडे समेत 10 उपभोक्ता भंडारों के संचालक, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व इनसे जुड़े 31 लोगों के खिलाफ पांच थानों में FIR दर्ज करवाई गई थी। निलंबित जिला खाद्य व आपूर्ति अधिकारी आरसी मीणा को भी आरोपी बनाया गया था। दवे बंधु पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कारर्वाई की गई थी, जबकि दहीगुड़े पर गबन, धोखाधड़ी व अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम के तहत ही छत्रीपुरा थाने में प्रकरण दर्ज लिया था ।

स्वदेश प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार का संचालक प्रमोद दहीगुड़े 1 फरवरी से जेल में है। उसने जिला एवं सत्र न्यायालय में जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। उसका तर्क था कि 16 फरवरी की उसकी बेटी की शादी है। रविवार को गणेश पूजन का मुहूर्त दस्तूर गार्डन निकला है, इसलिए उसे जमानत पर अस्थायी तौर पर 30 दिन के लिए जमानत दी जाए। सरकार की ओर से एजीपी संजय शर्मा ने जमानत देने का विरोध कर बताया, आरोपी दहीगुड़े व शकुंतला वर्मा व अन्य पर करीब 19 लाख रुपए के खाद्यान्न की धोखाधड़ी का गंभीर आरोप है, जिसमें विवेचना जारी है। शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश वायके गुरु ने याचिका निरस्त कर दी।



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