57 साल में नहीं मनाया वैलेंटाइन-डे, प्यार ऐसा कि: पति कैंसर से लड़ रहे थे ताे पत्नी 24 घंटे साथ रही, ठीक हुए तो अब पत्नी को हुआ लकवा

57 साल में नहीं मनाया वैलेंटाइन-डे, प्यार ऐसा कि: पति कैंसर से लड़ रहे थे ताे पत्नी 24 घंटे साथ रही, ठीक हुए तो अब पत्नी को हुआ लकवा


  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Ratlam
  • Husband Was Fighting Cancer, His Wife Was With Him For 24 Hours, If He Recovered, Now His Wife Got Paralyzed

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

रतलाम3 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

प्यार अगर सच्चा हो तो कभी नहीं बदलता… ना वक्त के साथ, न ही हालात के साथ…। इसी का उदाहरण है मदेल दंपती। एक साथ जीवन के 57 साल गुजारने के बाद अब ये दंपती तीन साल से परेशानियों के दौर से गुजर रहे हैं। परेशानी भी ऐसी कि पति को कैंसर हो गया… वे ठीक हुए तो पत्नी लकवे से पीड़ित हो गई। लेकिन, दोनों ने कभी एक दूसरे से ऊंची आवाज में बात नहीं की। दोनों ही मुस्कुराकर बातें करते हैं, कहते हैं… हमने कभी वैलेंटाइन-डे नहीं मनाया, हमारा प्रेम तो रोज ही बढ़ता है।

हम बात कर रहे हैं रतलाम में शिक्षक रहे बगदीराम मदेल (80) और तारादेवी मदेल (70) की। 24 अप्रैल 1964 को दोनों विवाह बंधन में बंधे थे। विवाह के बाद ही दोनों ने एक दूसरे को देखा। बगदीराम रतलाम में शिक्षक थे, ऐसे में यहीं बस गए। खुशियों और गम को एक तराजू में तौलते हुए उन्होंने पूरा जीवन एकसाथ ही बिताया। लेकिन, शादी के 55वें साल इनके जीवन में मुसीबत का पहाड़ आ गया। जनवरी-2019 में इंदौर में जांच के दौरान पता चला कि बगदीराम के पेट में कैंसर है। ऐसे में वे इलाज के लिए इंदौर अपने बेटे बैंक मैनेजर मनोज के पास ही रहने लगे।

हमारे बीच तो रोज ही प्रेम है, बस अब तारा जल्दी स्वस्थ हो जाए
वैलेंटाइन-डे की बात पर बगदीराम मुस्कुरा दिए… उन्होंने कहा हमने कभी वैलेंटाइन-डे नहीं मनाया। हमारे बीच तो रोज ही प्रेम है और ऐसा ही प्रेम हमेशा बना रहेगा। अब बस तारा जल्दी ठीक हो जाए, इसी का इंतजार है।

6 कीमोथैरेपी और 20 रेडियोथैरेपी… का दर्द, पत्नी लगातार देती रही हिम्मत
बगदीराम का इंदौर के बाद अहमदाबाद में कैंसर का इलाज चला। दो साल के इलाज में 6 कीमोथैरेपी और 20 रेडियो थैरेपी झेली। तारादेवी उनके साथ ही रहीं। कीमोथैरेपी जवान को भी तोड़ देती है… बगदीराम तो बुजुर्ग थे। ऐसे में हालत खराब हो चुकी थी, लेकिन तारादेवी हिम्मत देती रही कि कुछ नहीं होगा। जनवरी-2020 में बगदीराम ने कैंसर को हरा दिया।
ज्यादा देर नहीं रही खुशी… पति ने कैंसर को हराया तो पत्नी को हुआ पैरालिसिस
कैंसर को हराने की खुशी ज्यादा दिन तक नहीं रही। 4 अप्रैल 2020 को ताराबाई की तबीयत बिगड़ी। डॉक्टर ने बताया उन्हें लकवा हो गया है। अभी इंदौर में इलाज चल रहा है। बगदीराम पत्नी के साथ 24 घंटे रहकर हर जरूरत को पूरा करते हैं।



Source link