दरअसल, सरकारी-प्राइवेट नौकरी का अंतर, सामाजिक और परिवारिक दबाव के चलते सिमरन और राज की शादी में कई अड़चनें थीं. पिता जब सामाजिक दबाव नहीं झेल सके तो उन्होंने सिमरन को राज से शादी के लिए मना कर दिया था. इस बीच ट्विस्ट तब आया जब पिता ने इस मामले को लेकर बेटी की काउंसलिंग का सोचा, लेकिन काउंसलर ने पिता की ही काउंसलिंग कर दी और सिमरन को राज मिल गया.
बेटी ने कर दिया था शादी से मना
फैमिली कोर्ट काउंसलर सरिता राजानी ने बताया कि सिमरन सरकारी नौकरी करती हैं और उनका अफेयर राज से था. चूंकि राज प्राइवेट नौकरी करते थे तो दोनों के बीच काफी अंतर था. सिमरन ने जब यह बात पिता को बताई तो पिता ने उसे से अंतर समझाया और सामाजिक दबाव की मजबूरी बताई. सिमरन के पिता ने फैमिली काउंसलर राजानी को बताया कि बेटी ने मना करने पर कहा कि वो किसी और से शादी नहीं करेगी और अपने काम में ही व्यस्त हो जाएगी. इसके बाद फिर इस विषय पर कभी चर्चा नहीं हुई.
ऐसे हुई पिता की काउंसलिंग
सरिता राजानी ने बताया कि पिता बेटी की काउंसलिंग के पिता उनके पास आए थे. मैंने जब मामला सुना तो पिता को समझाया. मैंने उनसे कहा कि बेटी की खुशी में ही आपकी खुशी है. अगर वो आपकी मर्जी से शादी कर ले और खुश ही न रहे तो फिर ऐसी जिंदगी अर्थहीन है. बेटी की खुशी ही पिता की असली खुशी होती है. राजानी के मुताबिक, यह बात पिता को समझ आ गई और उन्होंने बेटी को वैलेंटाइन डे पर उनके रिश्ते का सरप्राइज दिया.