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- I Had Brought Liquor From The Chhoti Village Of Mahoba, To The Party … Nothing Happened To The Fish Eaters, The Drinkers Died One By One.
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छतरपुर16 घंटे पहले
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जहरीली शराब पीने से चार की मौत के बाद अस्पताल में भर्ती पांचवें युवक जयराम ने सुनाई आपबीती
- पथेरा गांव के चार लोगों की मौत के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसरा है
बुधवार को मैं उप्र के महोबा जिले के घुटई गांव गया था। घटई में शराब ठेका की दुकान से शराब लेकर आया। गुरुवार की रात मछली के साथ शराब पार्टी थी। पार्टी में मछली तो कई लोगों ने खाई पर शराब का सेवन मेरे साथ तुलसीदास अहिरवार, लल्लू बरार, शीतल प्रसाद अहिरवार और हरगोविंद अहिरवार ने किया।
इसके बाद शुक्रवार को भी शराब का सेवन किया। जिन्होंने सिर्फ मछली खाई उन्हें कुछ नहीं हुआ। हम लोगों ने घुटई गांव से लाई गई शराब का सेवन किया था। इस कारण शराब पीने वालों की तबीयत बिगड़ना शुरू हो गई। हरगोविंद ने सबसे अधिक शराब का सेवन किया था। इस कारण उसकी सबसे पहले हरपालपुर में ही मौत हो गई। इसके बाद शीतल प्रसाद अहिरवार की और फिर रविवार की देर शाम साढ़े पांच बजे लल्लू बरार और रात साढ़े 7 बजे तुलसीदास की मौत हो गई।
यह दोनों मेरे साथ ही जिला अस्पताल में भर्ती थे। मैंने दोनों दिन बहुत कम शराब का सेवन किया था। लेकिन अभी ठीक से दिखाई नहीं दे रहा है। काला और सफेद तो समझ में आता है, पर लोगों के कपड़ों का रंग कैसा है यह समझ में नहीं आ रहा है।
( जिला अस्पताल में भर्ती जयराम अहिरवार ने जैसा दैनिक भास्कर संवाददाता को बताया )
प्रशासन तथ्य छुपाने की कोशिश में लगा
परेथा गांव के पांच लोगों ने पिछले दिनों जहरीली शराब पी और धीरे-धीरे बीमार होते गए। इसके बाद एक-एक करके इनमें से 4 लोगों की मौत हो गई। इस मामले में जिला प्रशासन कुछ भी बताने से बच रहा है। ताकि जहरीली शराब का मामला प्रकाश में न आए। इस संबंध में जब मरीजों का इलाज कर रहे जिला अस्पताल के डॉ. अमित अग्रवाल से बात की गई तो वह बोले वे कुछ नहीं कह सकते हैं।
सिविल सर्जन डॉ. लखन तिवारी का कहना है कि लल्लू बरार और तुलसीदास शराब पीने के आदी थे। पर उनका कहना है कि मौत का कारण वे पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट कर सकेंगे। वहीं नौगांव बीएमओ डॉ. रवींद्र पटेल और हरपालपुर के डॉ. जगदीश प्रसाद अहिरवार ने शीतल प्रसाद की मौत के बारे में पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बता पाने की बात कही है।

हर आंख थी नम…अहिरवार परिवार के साथ पूरे परेथा गांव में सन्नाटा पसरा
ग्राउंड रिपोर्ट : परेथा से एक किमी दूर इमलिया में बनती है कच्ची शराब
हरपालपुर. परेथा गांव यूपी की सीमा से लगा हुआ है, गांव से आधा किलोमीटर से भी कम दूर यूपी सीमा है। गांव में बड़े पैमाने पर यूपी से अवैध शराब आती है। गांव के पुरुषों का मानना है कि चार लोगों की मौत का कारण जहरीली शराब है। वहीं महिलाएं इस घटना के पीछे जादूटोना को कारण बता रहीं है। साथ ही एक किमी दूर इमिलिया में बड़े पैमाने पर कच्ची शराब उतारी जाती है।
वहां से ही यहां भी शराब आती है। गांव के ताती राम उर्फ गिरजा शंकर अहिरवार उम्र 65 सहित अन्य लोगों ने बताया कि इमलिया में भी कई लोग अवैध रूप से शराब बनाते हैं और गांव में सप्लाई करते हैं। उनका कहना है कि यह जहरीली शराब ही गांव में इतनी बड़ी त्रासदी का कारण बनी है। अधिकारियों को जानकारी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।
बस्ती में जगह-जगह शराब के पाउच और बोतलें बिखरी पड़ी थीं
रविवार को परेथा गांव में अहिरवार परिवार के साथ पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ था। हर व्यक्ति के चेहरे पर शोक की छाया और हर आंख में आंसू छलक रहे थे। बस्ती में जगह-जगह शराब के पाउच और बोतलें बिखरी पड़ी दिखीं। पता चला कि गांव के अधिकांश लोग शराब का सेवन करते हैं। बड़ी बड़ी मात्रा में यूपी से सस्ती शराब आती है।
एक साथ चार लोगों की मौत हो जाने पर गांव सहित अहरवार परिवार की महिलाएं शोकाकुल हैं। हरगोविंद की बहन और शीतल प्रसाद की पुत्री गीता देवी का कहना है कि धंतीदेवी मेरे भाई हरगोविंद को परेशान करती थी। हरगोविंद की मौत के बाद धंती देवी यहां लाशें उठवा देने की धमकी भी देकर गई है। उनका कहना है कि धंतीदेवी ने ही कोई जादू टोना किया है। इस कारण से उनके परिवर पर यह मुसीबत काई है।