भास्कर इंटरव्यू: वैक्सीन से आंखों की रोशनी कम नही होती, ये फैंटिंग अटैक है, जो निडिल के चुभने की घबराहट से होता है

भास्कर इंटरव्यू: वैक्सीन से आंखों की रोशनी कम नही होती, ये फैंटिंग अटैक है, जो निडिल के चुभने की घबराहट से होता है


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भोपाल17 घंटे पहले

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आज से इस हफ्ते तीन दिनों में 9000 को लगाए जाएंगे टीके

  • जिन्हें टीके लगे हैं उनमें से 48 प्रतिशत लोगों को बुखार, सिर दर्द और बदन दर्द की शिकायत
  • यह 24 से 48 घंटे तक ही रहता है

कोरोना वैक्सीन लगने के बाद आंखों की रोशनी कम होना, अंधेरा छाना, कमजोरी महसूस होना वैक्सीन के साइड इफेक्ट नहीं है, बल्कि ऐसा इंजेक्शन की निडिल चुभने के कारण होने वाली घबराहट से होता है। इसे फैंटिंग अटैक कहा जाता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को सीधे लिटाकर पैर ऊपर कराए जाते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन सामान्य हो जाता है और परेशानी दूर हो जाती है। भास्कर से बातचीत में डॉ. लोकेन्द्र दवे, पल्मोनरी डिपार्टमेंट के एचओडी, जीएमसी ने बताया।

जिन्हें टीके लगे हैं उनमें से 48 प्रतिशत लोगों को बुखार, सिर दर्द और बदन दर्द की शिकायत हो रही है, यह 24 से 48 घंटे तक ही रहता है…
वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ सकती है?

वैक्सीन बॉडी के अंदर इम्यूनिटी पैदा करती है, लेकिन वायरस का एक्सपोजर हुआ है तो वह बॉडी के अंदर जाकर सर्कुलेट होता है, जो बॉडी डैमेज करता है। ऐसे में संक्रमण हो सकता है, लेकिन वैक्सीन लगवाई है तो डिसीज और सीवियर डिसीज नहीं होगी, ऐसा अनुमान है। वैक्सीन से 90 प्रतिशत ही प्रोटेक्शन बताया गया है।

हाई एलर्जी वाले मरीज वैक्सीन कब और कैसे लगवा सकते हैं?
सामान्य एलर्जी में वैक्सीन लगवाने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन ऐसे लोग जिनको पहले कोई वैक्सीन या इंजेक्शन लगवाने के बाद गंभीर रिएक्शन हुआ था, जान पर बन आई थी, उन लोगों को वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।

एक्टिव इलनेस वाले मरीजों को वैक्सीन लगवानी चाहिए या नहीं?
एक्टिव इलनेस जैसे वायरल फीवर हुआ है तो उस दौरान वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। पहले बीमारी पूरी तरह से ठीक हो, उसके करीब दो हफ्ते बाद ही वैक्सीन लगवानी चाहिए।

वैक्सीन लगवाने के बाद लोग बुखार, थकान और बॉडी पैन जैसी शिकायतें कर रहे हैं, क्या यह साइड इफेक्ट हैं?
जिनको टीके लगे हैं, उनमें से 48% लोगों को बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द की शिकायत हो रही है। यह 24 से 48 घंटे तक हो सकता है। जो मामूली पैरासिटामॉल लेने से ठीक हो जाता है।

डायबिटीज, हाइपर टेंशन, कैंसर और किडनी संबंधी गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को वैक्सीन लगवानी चाहिए?
बिल्कुल लगवानी चाहिए, क्योंकि ऐसे मरीजों में इम्यूनिटी पहले ही कम हो चुकी होती है। ऐसे में इनके संक्रमित होने पर सीवियर होने की आशंका ज्यादा रहती है, इसलिए जरूरी है कि इनको जरूर ही वैक्सीन लगवाई जाए।

वैक्सीन किसको नहीं लगवानी चाहिए?
गर्भवती महिलाओं और ऐसी महिलाएं जो अपने नवजात को फीडिंग करा रही हैं, उन्हें टीका नहीं लगवाना है। एक्टिव इलनेस वाले मरीजों को उस वक्त टीका नहीं लगवाना चाहिए।

हेल्थ एक्सपर्ट- डॉ. लोकेन्द्र दवे, पल्मोनरी डिपार्टमेंट के एचओडी, जीएमसी

हेल्थ एक्सपर्ट- डॉ. लोकेन्द्र दवे, पल्मोनरी डिपार्टमेंट के एचओडी, जीएमसी

आज से इस हफ्ते तीन दिनों में 9000 को लगाए जाएंगे टीके
दूसरे चरण का टीकाकरण अभी तीन दिन और चलेगा। सोमवार, बुधवार और गुरुवार को भी फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना के टीके लगाए जाएंगे। इसके लिए अलग-अलग इलाकों में करीब 20 स्थानों पर 41 केंद्र बनाए गए हैं। यहां करीब 9 हजार फ्रंटलाइन वर्कर्स को सुबह 9 से रात 8 बजे तक टीके लगाए जाएंगे।



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