कांग्रेस ने बीजेपी से जुड़े राशन माफिया प्रमोद दहीगुड़े को बचाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव का कहना है प्रमोद दहीगुडे़ पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की कार्रवाई शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर के दबाव में नहीं की गई. उन्होंने कहा उषा ठाकुर ने तो इसके लिए इस्तीफे तक की धमकी दे दी थी. महू में भी उन्होंने इसी तरह एक डिप्टी रेंजर का तबादला करवा दिया है.जबकि प्रमोद दहीगुडे़ पर पहले ही दिन कलेक्टर मनीष सिंह ने रासुका लगाने की बात कही थी.
उषा ठाकुर ने दी सफाई
कांग्रेस के आरोप पर पर्यटन और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने सफाई दी है. उन्होंने कहा मेरा किसी भी गलत व्यक्ति से कोई लेना देना नहीं है. अगर प्रमाण मिले हों तो दहीगुड़े पर भी कार्रवाई करें.राशन घोटाले में लिप्त कोई भी व्यक्ति छूटना नहीं चाहिए.
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ये है पूरा मामला
गरीबों के अनाज के हक पर डाका डालने वाले राशन माफिया भरत दवे,श्याम दवे और प्रमोद दहीगुड़े पर कलेक्टर ने बकायदा प्रेस कांफ्रेंस लेकर रासुका लगाने की बात कही थी लेकिन बाद में घोटाले के तीसरे आरोपी प्रमोद दहीगुड़े पर रासुका नहीं लगाई गई.सिर्फ भरत और श्याम दवे पर रासुका के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई की गयी. उसके बाद से ही कई सवाल खड़े हो रहे हैं. दहीगुड़े को बीजेपी और संघ का नजदीकी बताया जा रहा है. जबकि दहीगुड़े इस घोटाले में बंद की गई जोशी मोहल्ला की स्वदेश, प्रियदर्शिनी महिला संस्था और समाजवादी इंदिरा नगर की संस्था गौड़ भंडार में राशन विक्रेता के पद पर था.इस घोटाले में इन संस्थाओं से कुल 21 लाख रुपए का घोटाला हुआ है. इन संस्थाओं ने कुल 13 हजार 756 गरीब हितग्राहियों के अनाज का हक मारा है.दहीगुड़े पर थाना छत्रीपुरा में दो एफआईआर जरूर दर्ज हुई हैं.