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इंदौर5 मिनट पहले
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फाइल फोटो
- आयकर विभाग के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर ने मिडिया से की चर्चा
- शिकायत सेवा पखवाड़ा को लेकर कहा कि शिकायतें निपटाने को लेकर विभाग गंभीर है
- कोरोना काल के बावजूद विभाग ने 608 करोड़ का रिफंड दिया, जबकि 1129 करोड़ रुपए एडवांस जमा हुआ।
“विवाद से विश्वास अभियान” के तहत प्रदेश में 36 हजार आवेदन आए। इनमें से 10 हजार 575 लोगों ने निराकरण के लिए आवेदन दिए। निराकरण चाहने वालों में इंदौर के आवेदकों की संख्या केवल 1800 है। जबलपुर में कई बेनामी संपत्तियों का खुलासा हुआ। प्रदेश में टैक्स की रिकवरी अभी 15 % कम है, जबकि देश में ये आंकड़ा 7.8 प्रतिशत का है। कोरोना काल के बावजूद विभाग ने 608 करोड़ का रिफंड दिया। मप्र और छग के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर आर के पालीवाल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए ये बात कही। उन्होंने विवाद से विश्वास सफलता अभियान 2021 पर बोलते हुए कहा कि ये अंतिम अवसर है, जब ब्याज, पेनल्टी और प्रॉसिक्यूशन से राहत पाई जी सकती है। इसमें भ्रष्टाचार अधिनियम, काला धन, बेनामी संपत्ति जैसे प्रकरणों को भी शामिल किया गया है। इससे कोर्ट के चक्कर से राहत मिलेगी और व्यापारी अपना व्यापार बिना किसी तनाव के कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इंदौर में 6200 मामले हैं। इनमें 1800 ने आवेदन दिया, जो 29 प्रतिशत कम है। इस आभियान के तहत 28 फरवरी तक आवेदन कर सकेंगे, जबकि उन्हें टैक्स का भुगतान 31 मार्च तक करना होगा। टैक्स रिकवरी को लेकर उन्होंने कहा कि इंदौर में 15 प्रतिशत टैक्स की रिकवरी कम है, जिसकी भरपाई अगले डेढ़ महीने में हो जाएगी, जबकि देश में ये आंकड़ा 7.8 प्रतिशत का है। पालीवाल ने बताया कि कर दाताओं की सहूलियत के लिए 28 फरवरी तक विशेष पखवाड़ा मनाएंगे। इसमें करदाताओं की शिकायतों और संसोधनों के लंबित मामलों का निराकरण प्राथमिकता से होगा। उन्होंने बताया कि कोविड संक्रमण के बावजूद इनकम टैक्स कलेक्शन पिछले साल के इर्द-गिर्द है, जो इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर है। इंदौर चीफ कमिश्न रेट में 608 करोड़ के रिफंड दिए हैं और 1109 करोड़ का एडवांस टैक्स मिला है। थोड़ा-बहुत जो पीछे हैं, मुझे उम्मीद है 31 मार्च तक बीते साल के बराबर हो जाएगा। आयकर आयुक्त ने शिकायत सेवा पखवाड़ा को लेकर कहा कि शिकायतें निपटाने को लेकर विभाग गंभीर है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बावजूद विभाग ने 608 करोड़ का रिफंड दिया, जबकि 1129 करोड़ रुपए एडवांस जमा हुआ। विभाग बेनामी संपत्ति का पता लगाने को लेकर भी गंभीर है। जबलपुर में कई संपत्ति ऐसी मिली, जो राशनकार्ड धारकों के नाम से रिकार्ड में दर्ज हैं।