विवेक तन्खा का कहना है कि सोशल मीडिया के जरिए अपनी स्वतंत्र सोच को देश के सामने रखना देशद्रोह नहीं कहलाता है. तंखा ने कहा कि यह बेहद गंभीर मसला है और इस मामले को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे. सुप्रीम कोर्ट से मांग की जाएगी कि ट्विटर को लेकर नई व्यवस्था की जाए ताकि स्वतंत्र विचारधारा वाले लोग अपनी बात स्वतंत्र होकर रख सकें.
दिग्विजय सिंह भी उतरे समर्थन में
ट्विटर टूलकिट मामले में पर्यावरणविद दिशा रवि के समर्थन में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी उतर आए हैं. मामले में अपना बयान देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि लिबरल डेमोक्रेसी के पक्षधर पूरे विश्व में है. यही वजह है कि अमूमन युवा सोशल मीडिया पर अपनी बात को रखते हैं. दिशा रवि जो कि पर्यावरण के लिए लगातार काम कर रही हैं, पर्यावरण में इकोलॉजिकल बैलेंस बनाने की दिशा में उनके द्वारा काफी काम किए. यहां तक कि वह खुद मांसाहारी से शाकाहारी हो गई उन पर देशद्रोह का आरोप लगाना सरासर गलत है. वही बेंगलुरु मध्य से बीजेपी सांसद पीसी मोहन द्वारा दिशा रवि की तुलना कसाब से किए जाने वाले बयान कि दिग्विजय सिंह ने निंदा की उन्होंने कहा कि बीजेपी सांसद का यह बयान बेहद निंदनीय है.
ये भी पढ़ें: पंचायत चुनाव से पहले गहलोत सरकार ने ब्यूरोक्रेसी में किया बड़ा फेरबदल, IAS सहित 18 RAS का तबादला
आखिर गिरफ्तार क्यों की गईं दिशा?
दिशा पर आरोप है कि ट्विटर पर ग्रेटा थनबर्ग ने जो ‘टूलकिट’ शेयर की थी, दिशा ने उसे एडिट किया और सोशल मीडिया पर फॉरवर्ड किया. दिल्ली की एक कोर्ट में पुलिस ने कहा कि भारत की सरकार के खिलाफ एक बड़ी साज़िश में कथित खालिस्तानी मूवमेंट की भूमिका को लेकर दिशा से पूछताछ करना ज़रूरी है. दिशा का मोबाइल फोन ज़ब्त कर लेने की बात भी पुलिस ने कही. पुलिस के मुताबिक ‘टूलकिट’ केस में दिशा महत्वपूर्ण कड़ी हैं क्योंकि दिशा ने इसे एडिट करने और फॉरवर्ड करने की बात कबूल की है. खबरों के मुताबिक दिशा ने कोर्ट में रोते हुए कहा कि किसान आंदोलन को सपोर्ट करने के मकसद से उन्होंने टूलकिट में सिर्फ दो लाइनें बदली थीं.