बस हादसे के बाद मध्य प्रदेश के विपक्षी दल बस की फिटनेस और परमिट को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं, इसके बारे में तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा. लेकिन इसके पहले आइए देखते हैं कि वे 3 कौन से प्रमुख कारण रहे, जिसकी वजह से 42 यात्रियों को असमय ही अपनी जान गंवानी पड़ी.
पहला कारण – सीधी से सतना जा रही बस सामान्य न होकर छोटी बस की श्रेणी में आती है, जिसमें 32+2 यात्रियों के बैठने के लिए सीट थीं. इस बस में 32 प्लस 2 सीटें ही थीं. लेकिन कंडक्टर और ड्राइवर की लापरवाही देखें तो इसमें कुल 54 यात्री सवार थे. क्षमता से अधिक यात्रियों के होने के कारण बस के संतुलन खोने का खतरा था, जिसकी अनदेखी हादसे की एक वजह बनी.
दूसरा कारण – बसों की रवानगी का समय हर जगह तय रहता है. सीधी से सतना जाने वाली बस का समय भी तय था, सुबह 5 बजे इसे रवाना होना था. लेकिन यह बस तय समय से पहले यानी सुबह के 3 बजे ही गंतव्य की ओर चल दी. सुबह 3 बजे अंधेरे में ही गंतव्य की ओर चली बस रास्ते में हादसे का शिकार हो गई. हालांकि हादसा करीब 8 बजे सुबह में हुआ, लेकिन संभव है कि ड्राइवर को झपकी आने की वजह से दुर्घटना हुई हो.
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तीसरा कारण – सरकार जब किसी बस को परमिट देती है, उसी समय उसका रूट भी तय कर दिया जाता है. परिवहन विभाग के नियमों के मुताबिक तय रूट से अलग रास्ते पर बस संचालन अपराध माना जाता है. सीधी बस दुर्घटना की एक वजह यह भी है कि हादसे का शिकार होने वाली बस के ड्राइवर ने अचानक ही इसका रूट बदल दिया था. ट्रैफिक जाम के कारण ड्राइवर ने रास्ता बदला और 7 किलोमीटर तक नए रूट से बस को ले गया.