दक्षिण अफ्रीका ने आईसीसी से ऑस्ट्रेलिया की शिकायत की, मुआवजा भी मांगा

दक्षिण अफ्रीका ने आईसीसी से ऑस्ट्रेलिया की शिकायत की, मुआवजा भी मांगा


दक्षिण अफ्रीका की टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की रेस से बाहर हो चुकी है.

ऑस्ट्रेलिया ने मार्च में दक्षिण अफ्रीका में होने वाली टेस्ट सीरीज काे अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दिया है. इसके लिए कोविड-19 के जोखिम का हवाला दिया गया. इस पर नाखुशी जाहिर करते हुए क्रिकेट साउथ अफ्रीका ने आईसीसी से इस संबंध में औपचारिक शिकायत कर दी है.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    February 17, 2021, 8:13 PM IST

नई दिल्ली. क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA) ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) से क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. ऑस्ट्रेलिया ने अगले महीने होने वाली तीन टेस्ट मैचों की सीरीज को कोविड-19 से खिलाड़ियों की सुरक्षा को खतरा बताते हुए रद्द कर दिया था. इस वजह से अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आईसीसी से औपचारिक शिकायत की है. पिछले हफ्ते CSA ने ICC और CA दोनों को लिखा था कि दौरे को स्थगित करने से वे नाखुश हैं। साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने सीरीज रद्द करने के कारणों को अस्वीकार्य करार दिया और पूछा कि आखिर इसके पीछे असली वजह क्या थी. उसके बारे में बताएं. लेकिन अब अफ्रीका बोर्ड ने इस मामले को बड़ा बना दिया है और इसे आईसीसी के विवाद समाधान परिषद से सुनने के लिए कहा है। सीएसए के एक्टिंग सीईओ फोलेट्सी मोसेकी ने कहा कि सीएसए को अब ऑस्ट्रेलिया से मुआवजा चाहिए। अफ्रीका बोर्ड का कहना है कि इस सीरीज का उस समय कोई मतलब नहीं रहेगा, जब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल हो जाएगाए। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल इस साल जून में 18 से 22 तक खेला जाएगा। भारत, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड फाइनल में पहुंचने की रेस में बने हुए हैं. दक्षिण अफ्रीका रेस से बाहर हो चुका है.

आईसीसी के फ्यूचर टूर प्रोग्राम (एफटीपी) के अनुसार, सदस्य देश अपने द्विपक्षीय दौरों को पूरा करने के लिए बाध्य हैं. जब तक कि ऐसी परिस्थितियां नहीं होती हैं जो उन्हें ऐसा करने से रोकती हैं, इसमें सरकारी निर्देश भी शामिल हैं. अब देखना है कि इस बारे में आईसीसी क्या फैसला लेती है. यह समझौता 2004 से लागू है. इसके पहले ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों एक-एक बार एफटीपी के नियम के बाद भी द्विपक्षीय दौरे पर नहीं गए थे. ऑस्ट्रेलिया की टीम 2007 में जिम्बाब्वे और भारतीय टीम 2008 में पाक दौरे पर नहीं गई थी. दोनों टीम को उनकी सरकार की ओर से नहीं जाने के निर्देश थे. हालांकि आईसीसी ने इनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की थी.








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