गैस लीक की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और नगर निगम का दस्ता हरकत में आया. कलेक्टर समेत तमाम आला अफसर आनन-फानन में पहुंचे और गांव को खाली कराया गया. फायर ब्रिगेड का दस्ता भी पहुंचा और फैक्ट्री में जिस टैंक से गैस लीक हो रही थी, वहां और आसपास के इलाके में पानी का छिड़काव किया गया. इसके बाद प्रशासन ने अनाउंसमेंट कर लोगों को बताया कि फैक्ट्री से लीक होने वाली गैस जहरीली नहीं है. लोगों को आंख धोने की सलाह दी गई, ताकि जलन कम हो सके.
गैस लीक की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे भोपाल के कलेक्टर अविनाश लवानिया ने प्रशासनिक अधिकारियों को राहत एवं बचाव के निर्देश दिए. साथ ही 4 पटवारियों की ड्यूटी भी लगा दी. पटवारियों को रातभर बंद फैक्ट्री के आसपास रहने को कहा गया. प्रशासन के मुताबिक गैस लीक होने से परेवाखेड़ा गांव के 20 लोगों को आंखों में जलन की शिकायत हुई. प्रशासन ने एहतियातन फैक्ट्री के आसपास के मकानों को खाली करा उनमें रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. इन घरों में रहने वालों को पास के आंगनबाड़ी केंद्र या परिजनों के यहां जाने को कहा गया है. घटना के कई घंटों बाद जाकर स्थिति नियंत्रण में आ सकी.
फैक्ट्री मालिक को नोटिस
प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक साल भर से बंद पड़ी इस फैक्ट्री में एक वॉल्व खुल गया था, जिसके चलते गैस का रिसाव हुआ. फायर फाईटर्स की मदद से इस वॉल्व को तत्काल बंद करवाया गया, जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में लाई जा सकी. अधिकारियों ने बताया कि BHEL के विशेषज्ञों की मदद से बंद फैक्ट्री में अमोनिया गैस की टैंक को खाली कराया जाएगा, ताकि आगे से ऐसी स्थिति फिर न आए. इधर, प्रशासन ने फैक्ट्री के मालिक जावेद खान को नोटिस जारी करने की कार्रवाई भी शुरू करने की बात कही है.
गैस लीकेज की वजह
बंद फैक्ट्री से गैस लीक होने की वजह के बारे में विशेषज्ञों ने बताया कि ऐसी स्थिति गर्मी के कारण आ जाती है. गर्मी की वजह से अमोनिया गैस का प्रेशर बढ़ जाता है. फैक्ट्री के संचालन के दौरान अमोनिया गैस को पानी में रिलीज कर दिया जाता है. चूंकि यह फैक्ट्री सालभर से बंद थी, इसलिए पाइप में दबाव बढ़ा और वॉल्व फट गया. इसलिए टैंक से अमोनिया गैस का रिसाव हुआ.