UJJAIN : महाकाल मंदिर की बुज़ुर्ग सेवक ने जीवन भर की पूंजी मंदिर को दान की– News18 Hindi

UJJAIN : महाकाल मंदिर की बुज़ुर्ग सेवक ने जीवन भर की पूंजी मंदिर को दान की– News18 Hindi


उज्जैन.जीते जी बाबा महाकाल (Baba mahakal) के दरबार में सेवा की और मरने के बाद भी अपनी जीवन भर की पूंजी बाबा को अर्पित कर जाएंगी. सरोज लक्ष्मी कुछ ऐसा ही करने जा रही हैं. सरोज लक्ष्मी वो बुज़ुर्ग महिला जिनके बारे में बस लोग यही कहते हैं-जब से उन्हें देखा है बाबा महाकाल के मंदिर में सेवा करती दिखीं. अब उन्होंने अपनी वसीयत कर दी है.उसमें लिखा है कि उनके पास जो भी जीवनभर की जमा पूंजी है वो मौत के बाद मंदिर को दान (Donate) कर दी जाए.

सरोज लक्ष्मी ने  जिंदगी भर की कमाई दौलत भगवान महाकाल के चरणों में अर्पित कर दी. वो 42  साल से अधिक समय से महाकाल मंदिर में ही रह कर अपना जीवन व्यापन कर रही हैं.

संपत्ति महाकाल के नाम

भगवान महाकाल के चरणों में अपनी पूरी जिंदगी बिताने वाली बेबी बाई उर्फ सरोज लक्ष्मी ने अब जिंदगी के अंतिम पड़ाव पर अपनी पूरी संपत्ति भगवान महाकाल के नाम कर दी  हैं. करीब 3 लाख .50 हजार रुपए सरोज लक्ष्मी ने महाकाल मंदिर समिति को दान कर दिए. सरोज का कहना है मेरा क्या था. सब भगवान महाकाल का था,जो उनको वापस कर दिया है.

महाकाल की सेवा में गुजारी ज़िंदगी
बेबी बाई के नाम से मंदिर में जानी पहचानी वाली वृद्धा किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं.उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी भगवान महाकाल की सेवा करते हुए गुजार दी. हाल ही में कुछ दिन पहले उन्हें हार्ट अटैक आया था.उसके बाद अब वो महाकाल की सेवा नहीं कर पा रही हैं. लेकिन अब उन्होंने अपनी पूरी कमाई भगवान महाकाल के नाम कर दी है.

 क्या क्या दान किया

मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवालं ने बताया कि मंदिर से जुड़े लोगों ने सूचना दी कि बेबी बाई अपनी पूरी संपत्ति भगवान महाकाल के नाम दान करने की इच्छा जता रही हैं.उनके नाम बैंक में एक लाख 60 हजार की फिक्स डिपॉजिट और करीब  दो लाख रुपये कैश जमा हैं. यही संपत्ति सरोज लक्ष्मी उर्फ बेबी बाई ने दान की है.उनके जिंदा रहने तक यह संपत्ति उनके ही नाम रहेगी. मरणोपरांत यह भगवान महाकाल के नाम हो जाएगी.

कौन हैं बेबी बाई उर्फ़ सरोज लक्ष्मी 
बेबी बाई के बारे में कोई ज्यादा नहीं जानता है. खुद अपने बारे में वो इतना बता पाती हैं कि 1979 में महाकाल मंदिर में आयी थीं. बस तब से यहीं की होकर रह गयीं.लेकिन महाकाल मंदिर तक कहां से और कैसे आयीं, कोई नहीं जानता. सरोज लक्ष्मी की उम्र 84 वर्ष है. वो इतने लंबे समय से महाकाल मंदिर में सेवा दे रही हैं इसलिए मंदिर समिति की ओर से 3000 रुपए प्रति माह मिलता है. 42 साल से महाकाल मंदिर के अंदर ही रह रही हैं और यहीं उनका खाना पीना होता है.





Source link