महाकालेश्वर मंदिर समिति व प्रशासन की बैठक: महाशिवरात्रि के दिन भी भस्मारती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रहेगी रोक, तीन मार्च से शुरू हो जाएगा पर्व

महाकालेश्वर मंदिर समिति व प्रशासन की बैठक: महाशिवरात्रि के दिन भी भस्मारती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रहेगी रोक, तीन मार्च से शुरू हो जाएगा पर्व


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उज्जैन34 मिनट पहले

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मंदिर प्रबंध समिति व प्रशासन की बैठक करते कलेक्टर आशीष सिंह व अन्य अधिकारी

  • लॉकडाउन के बाद से ही महाकाल की भस्मारती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लग चुकी है

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में 11 मार्च को होने वाली महाशिवरात्रि पर्व को लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी। महाशिवरात्रि के दिन भस्मारती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक रहेगी। गुरुवार को मंदिर प्रबंध समिति और प्रशासन के बीच हुई बैठक में पर्व को लेकर सुझावों पर चर्चा हुई। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि बैठक में मुख्य रूप से पिछले साल की शिवरात्रि की तैयारियों, दर्शन व्यवस्थाओं में कहां चूक रह गई थी, किस जगह से परेशानी आई थी। इस संबंध में सभी से FEEDBACK लिया गया। अगले सोमवार को फिर से बैठक होगी। उसमें महाशिवरात्रि पर्व की व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा। कलेक्टर ने कहा हमेशा की तरह इस बार भी परंपरा के अनुसार ही शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।

कलेक्टर ने बताया कि अभी भस्मारती में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक है। इसीलिए महाशिवरात्रि को दिन में होने वाली भस्मारती में भी यह रोक पहले की तरह जारी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि कोरोना के कारण श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। ऐसे इंतजाम करना होगा। मंदिर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट व उज्जैन विकास प्राधिकरण (UDA) की ओर से कई निर्माण कार्य चल रहे हैं। दर्शन व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देते समय हमें इस बात की ध्यान रखना होगा।

18 फरवरी को बाबा महाकाल का भस्मारती श्रृंगार दर्शन

18 फरवरी को बाबा महाकाल का भस्मारती श्रृंगार दर्शन

22 फरवरी की शाम की बैठक में तय होगा शिवरात्रि का स्वरूप

कलेक्टर ने बताया कि आज की बैठक में सभी से सुझाव लिए गए हैं। उन पर विचार किया जाएगा। पिछली साल जो खामियां रह गईं थीं उन्हें इस बार दूर करने का प्रयास होगा। आम श्रद्धालुओं को तेजी और बहुत ही सुगमता से दर्शन हों, इस बात का खास ख्याल रखा जाएगा। वीआईपी, पंडे-पुजारियों और मीडिया के लोगों को दर्शन की अलग से व्यवस्था होगी ताकि आम श्रद्धालुओं को परेशानी न हो। बैठक में उम्मीद जताई गई कि पिछले साल से अधिक श्रद्धालु इस बार मंदिर में दर्शन के लिए आएंगे।

बाबा महाकाल का कई रूपों में देंगे दर्शन

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में शिवरात्रि को नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। नौ दिनों में बाबा महाकाल के कोटेश्वर, अर्द्धनारीश्वर, शेषनाग और शिव तांडव आदि रूपों में सजाए जाते हैं। महाशिवरात्रि को बाबा महाकाल को दूल्हे के रूप में सजाया जाता है। माता पार्वती के साथ उनके विवाह को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। पूरे मंदिर को आकर्षक विद्युत रोशनी से सजाया जाता है। मंदिर की छटा रात में देखते ही बनती है।



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