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- On An Average 921 Patients Were Arriving In February, OPD Was Around 700 Daily For Four Months
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रतलाम3 घंटे पहले
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जिला अस्पताल में गुरुवार को इस तरह डॉक्टर को दिखाने के लिए कतार लगी रही।
- 500 तक सिमट गई थी ओपीडी में मरीजों की संख्या, अब सर्दी-खांसी के मरीज कम
कोरोना वैक्सीनेशन… इधर, पॉजिटिव कम…। इसका असर अब दिखने लगा है। सबसे ज्यादा डेंजर जोन माने जाने वाले जिला अस्पताल में मरीज उमड़ रहे हैं। इस महीने 18 दिन में औसतन 921 मरीज अस्पताल में पहुंचे हैं। कोरोना काल के बाद ऐसा पहली बार ही हुआ है… क्योंकि जिले में 11 अप्रैल को पहला पॉजिटिव सामने आया था, इसके बाद से 700 के आसपास मरीज आ रहे थे जो बहुत कम है। डेंजर जोन में भीड़ देख… कह सकते हैं कि कोरोना का डर अब खत्म होने लगा है।
कोरोना काल से पहले रोज औसतन 1500 मरीजों की ओपीडी अस्पताल में रहती थी। कोरोना काल के बाद जुलाई महीने में सबसे ज्यादा 824 लोग अस्पताल पहुंचे, अन्य महीनों में 700 के आसपास ही ओपीडी रही। जिस महीने पहला मरीज मिला था, यानी अप्रैल में रोज औसतन 506 लोग ही आए, जो सबसे कम है। इस महीने गुरुवार तक 16592 मरीज अस्पताल पहुंचे।
5 दिन से इतने रजिस्ट्रेशन
दिनांक मरीज
18 फरवरी 1012
17 फरवरी 1003
16 फरवरी 1056
15 फरवरी 1160
14 फरवरी 106
शुगर-बीपी, हड्डी रोग के मामले ज्यादा, फीवर क्लीनिक में कम आ रहे
इधर, शुगर-ब्लड प्रेशर के मरीजों की संंख्या ज्यादा है। हड्डी रोग से जुड़े यानी मोच, फ्रेक्चर आदि के मरीज भी ज्यादा आ रहे हैं। वहीं, मेडिसिन की ओपीडी में सबसे ज्यादा भीड़ है, इनमें सिर दर्द, बदन दर्द, बेचैनी जैसे सामान्य मरीज आ रहे हैं।
बाल चिकित्सालय : 800 के आसपास बच्चे आते हैं
- कोरोना काल का सबसे ज्यादा असर यहां हुआ था।
- 2019 में बाल चिकित्सालय की ओपीडी 700 से 800 के बीच रही।
- जुलाई में सबसे ज्यादा 886 बच्चे पहुंचे थे लेकिन 2020 में संख्या सिमट गई। जनवरी में 587 तो फरवरी में 668 बच्चे आए।
- पॉजिटिव मिलने के बाद 300 से ऊपर ओपीडी नहीं पहुंची।
- अब संख्या बढ़ने लगी है, हालांकि अब भी 400 के आसपास ही ओपीडी है।
कोरोना काल के बीच पूरी तरह सामान्य नहीं हुई ओपीडी
^कोरोना काल में बहुत कम मरीज आ रहे थे, अब संख्या बढ़ रही है लेकिन अभी भी पूरी तरह सामान्य नहीं हुई है। सामान्य मरीज ज्यादा आ रहे हैं। सर्दी-खांसी के मरीजों की संख्या अभी कम है।
डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, रतलाम