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- Due To The Displeasure Of Urban Administration Minister Bhupendra Singh, The Chief Engineer Of Metro Rail Corporation, Jitendra Dubey Was Removed, Handed Over Command To PWD’s ENC Akhilesh Agarwal
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भोपाल2 मिनट पहले
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सरकार ने मेट्रो रेल कारर्पोरेन के प्रमुख अभियंता जितेंद्र दुबे को हटा कर पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता अखिलेख अग्रवाल को इस प्रोजेक्ट की कमान सौंप दी है।
- एक सप्ताह पहले सीएम ने बोर्ड की बैठक में कहा था- जिसे हटाना है, हटा दो.. निर्माण कार्य समय सीमा में पूरा हाेना चाहिए
राज्य सरकार ने मप्र राज्य मेट्रो रेल कार्पोरेशन के प्रमुख अभियंता जितेंद्र दुबे को हटा दिया है। उनके स्थान पर लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता (ENC) अखिलेख अग्रवाल को यह जिम्मेदारी दी गई है। दुबे को नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह की नाराजगी के चलते हटाया गया है। मेट्रो रेल बोर्ड की पिछले सप्ताह हुई बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके संकेत भी दिए थे। मेट्रो रेल का निर्माण कार्य धीमी गति से होने पर उन्होंने निर्देश दिए थे कि जिस अफसर को हटाना है, हटा दो। निर्माण कार्य समय सीमा में पूरा होना चाहिए। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने दुबे की सेवाएं वापस खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग को सौप दी है।

मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड के प्रमुख अभियंता की सेवाएं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को वापस करने का आदेश
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के प्रमुख अभियंता जितेंद्र दुबे को मेट्रो प्रोजेक्ट की कमान 21 अप्रैल 2016 को सौंपी गई थी। सरकार ने भोपाल और इंदौर, दोनों शहरों में मेट्रो रेल का फस्ट फेस आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन काम जिस गति से चल रहा था, उससे साफ है तय समय सीमा में इसके पूरा होने की उम्मीद नहीं है। यदि काम धीमी गति से होगा तो प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ेगी।
इंदौर में कंसल्टेंट व ठेका कंपनी के बीच चल रहा विवाद
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि इंदौर मेट्रो रेल के लिए नियुक्त कंसल्टेंट व निर्माण एजेंसी के बीच पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा है, जिसे प्रमुख अभियंता जितेंद्र दुबे ने गंभीरता से नहीं लिया। इस वजह से इंदौर का प्रोजेक्ट लेट होता जा रहा था। सरकार स्तर पर होने वाली बैठकों में इसको लेकर नाराजगी भी व्यक्त की गई। बावजूद इसके दुबे इस विवाद को सुलझाने में रुचि नहीं ले रहे थे।
सिंह ने चार माह पहले की थी दुबे को हटाने की सिफारिश
नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने चार माह पहले मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र खिलकर मेट्रो रेल कार्पोरेशन के प्रमुख अभियंता को हटाने की सिफारिश की थी। सूत्रों के मुताबिक सिंह मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की बैठकों में दुबे की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी व्यक्त कर चुके है। बावजूद इसका कोई असर नहीं हुआ और परिणाम यह हुआ कि निर्माण कार्य लगातार लेट होता जा रहा था।
मेट्रो रेल प्रोजेक्ट
14,442.20 करोड़ रुपए कुल लागत
6,941.40 रुपए भोपाल
7,500.80 करोड़ इंदौर
भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट : 27.87 किलोमीटर में दो कॉरिडोर बनेंगे। एक कॉरिडोर करोंद सर्कल से एम्स तक 14.99 किलोमीटर का और दूसरा भदभदा चौराहे से रत्नागिरि चौराहा तक 12.88 किलोमीटर का होगा। इसकी कुल लागत 6941.40 करोड़ रुपए है।
इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट: 31.55 किलोमीटर की रिंग लाइन बनेगी। यह बंगाली चौराहा से विजयनगर, भंवरासला, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक जाएगी। इसकी कुल लागत 7500 करोड़ 80 लाख रुपए है।