स्कूल शिक्षा: 15 साल में तीन गुना बढ़े सरकारी स्कूल लेकिन 26 हजार 977 टीचर्स के पद खाली; अतिथि शिक्षकों के भरोसे हो रही है पढ़ाई

स्कूल शिक्षा: 15 साल में तीन गुना बढ़े सरकारी स्कूल लेकिन 26 हजार 977 टीचर्स के पद खाली; अतिथि शिक्षकों के भरोसे हो रही है पढ़ाई


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भाेपाल7 मिनट पहलेलेखक: अनूप दुबाेलिया

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भोपाल जिले में 112 हायर सेकंडरी स्कूल हैं, इनमें कहीं 2 तो कहीं तीन अतिथि शिक्षक

  • 15 साल में सिर्फ एक बार ही 80% को पार कर सका हायर सेकंडरी का रिजल्ट

इस बार हायर सेकंडरी परीक्षा का रिजल्ट 68.81 फीसदी रहा। पिछले साल से यह 3.56 फीसदी कम है। पिछले 10 साल में सिर्फ एक बार ही 12वीं का रिजल्ट 70% के आंकडे काे पार कर सका। पिछले 15 सालाें के आंकड़े भी चाैंकाने वाले हैं। इस अवधि में सिर्फ एक बार 2008 में ही परीक्षा परिणाम 81% तक पहुंचा। इस दाैरान सिर्फ 4 बार ही यह 70 प्रतिशत से अधिक आया। विशेषज्ञ कहते हैं इसकी खास वजह स्कूलाें में विषयवार शिक्षकाें की कमी है।

15 साल में स्कूलाें की तादाद तीन गुना बढ़ी। शैक्षणिक संवर्ग में अलग- अलग 26 हजार 977 पद खाली हैं। इनकी भरपाई के लिए हर साल अतिथि शिक्षकाें काे रखा जाता है। प्रदेश के हर जिले में हायर सेकंडरी स्कूलाें में औसतन 250 अतिथि शिक्षक रखे जाते हैं। भाेपाल जिले में 112 हायर सेकंडरी स्कूल हैं। पिछले साल विषयवार कहीं 2 कहीं 3 अतिथि शिक्षक रखे गए थे।

अभी ऐसे चला रहे हैं काम : गेस्ट फैकल्टी पाेर्टल पर इनसे आवेदन बुलाए जाते हैं। पाेस्ट ग्रेजुएट और बीएड डिग्रीधारी ऐसे उम्मीदवार अपने आवेदन के साथ जिला, ब्लाक और संकुल के दायरे में आने वाले स्कूलाें की च्वाइस का ऑप्शन भरते हैं। पीजी कक्षा के नंबराें के आधार पर साफ्टवेयर पर अपने आप ही इनकी मेरिट लिस्ट बन जाती है।

किस स्कूल में किस कैडर के कितने पद खाली पड़े हुए हैं

15 साल में कब कितना रहा 12वीं का रिजल्ट (फीसदी में)

इस बार यह बेहतर
पिछले बार के मुकाबले इस सत्र 2020-21 में फर्स्ट व सेकंड डिवीजन लाने वाले विद्यार्थियाें की संख्या 29 हजार से ज्यादा बढ़ी। प्राइवेट स्कूलाें की तुलना में सरकारी स्कूलाें का रिजल्ट 6.5 फीसदी ज्यादा रहा।

ये प्रयाेग भी किए

  • तीन बार टीम दक्षिण काेरिया भेजी
  • दाे बार शिक्षकाें के दलाें काे नई दिल्ली के स्कूलाें में भेजा
  • एक बार टीम काे बेंगलुरू भेजा।

अभी यह है हालात…अंग्रेजी के शिक्षक नहीं मिले ताे धरी रह गई याेजना
2014 में स्कूल शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव एसआर माेहंती ने एक सर्कुलर जारी किया था। इसमें हर ब्लाॅक में इंग्लिश मीडियम के सरकारी स्कूल खाेलने का जिक्र था। विषय के शिक्षक ही नहीं मिलने से याेजना धरी रह गई।

स्कूल अपग्रेड करने से कुछ नहीं होगा
दूसरे विभागाें में जब तक मानव संसाधन नहीं हाे, तब तक काेई कार्यालय स्थापित नहीं किया जा सकता, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग में ऐसा नहीं हाेता। यहां मानव संसाधन के बगैर यानी प्रिंसिपल, शिक्षक नियुक्त किए बिना स्कूल काे अपग्रेड यानी उन्नत कर दिया जाता है। इससे पढ़ाई सबसे ज्यादा प्रभावित हाेती है।
-डाॅ. दामाेदर जैन, पूर्व सदस्य एनसीईआरटी, समन्वयक शिक्षक संदर्भ समूह



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