आक्सफोर्ड की रिसर्च रिपोर्ट में खुलासा: 90 दिन में दूसरा डोज लगाने पर ज्यादा प्रभावी साबित हो रही कोविशील्ड वैक्सीन

आक्सफोर्ड की रिसर्च रिपोर्ट में खुलासा: 90 दिन में दूसरा डोज लगाने पर ज्यादा प्रभावी साबित हो रही कोविशील्ड वैक्सीन


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उज्जैन5 घंटे पहले

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डब्ल्यूएचओ ने भी दूसरे डोज का गैप बढ़ाने का अभिमत भारत सरकार को दिया।

  • पहली और दूसरी बार में कितने दिनों का अंतर रखें, इस पर दिल्ली में शुरू हुई बैठक
  • डब्ल्यूएचओ ने भारत को दूसरे डोज में अंतर बढ़ाने का दिया सुझाव

देश में तेजी से लगाई जा रही कोविशील्ड की डेटा रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। वैक्सीन बनाने वाली आक्सफोर्ड/अस्ट्राजिनेका द्वारा रिलीज की इफिकेसी (प्रभाव) रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविशील्ड वैक्सीन की इफिकेसी दो बातों पर निर्भर है। पहला डोज रिलेटेड और दूसरा इंटरवल रिलेटेड यानी वैक्सीन की दो डोज के बीच कितना टाइम इंटरवल है।

यदि वैक्सीन का पहला डोज हाॅफ (लो डोज) और दूसरा डोज फुल (स्टैंडर्ड डोज) हो तो वैक्सीन की इफिकेसी 90% रही। यदि पहला और दूसरा दोनों फुल डोज लगाए (स्टैंडर्ड डोज+स्टैंडर्ड डोज) तो वैक्सीन इफिकेसी रेट 62% ही रहा है। यानी की डोज की मात्रा से इफिकेसी प्रभावित होती है।

गौरतलब है कि भारत में पहले और दूसरे डोज में 28 दिनों का अंतर रखा जा रहा है। ऐसे में हालिया रिपोर्ट चिंताजनक है। मामले में उज्जैन संभाग के डिप्टी डायरेक्टर (स्वास्थ्य) डॉ. संजीव कुमरावत ने बताया ऑक्सफोर्ड द्वारा जारी डेटा रिपोर्ट के बाद ऑक्सफोर्ड की इस स्टडी को लेकर राष्ट्रीय टीकाकरण प्रतिरक्षा तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) दिल्ली में इस बात पर बैठक कर रहा है।

भारत में औसत असर 70 प्रतिशत मिलने पर मिली थी वैक्सीन लगाने की अनुमति
डेटा रिपोर्ट से यह पता चला है कि वैक्सीन के डोज से इफिकेसी प्रभावित होती है। एवरेज इफिकेसी 70% मानी गई और इसी आधार पर भारत में वैक्सीन लगाने का अप्रूवल मिला था। भारत में कोविशील्ड का स्टैंडर्ड डोज-स्टैंडर्ड डोज लगा रहे है यानी 70% इफिकेसी है।

स्टडी में यह भी सामने आया
इंटरवेल रिलेटेड इफिकेसी-कोविशील्ड की इफिकेसी डोज के अलावा इस बात पर भी निर्भर करती है कि दूसरा डोज कितने टाइम इंटरवेल के बाद दिया जा रहा है।

  • यदि कोविशील्ड का सिर्फ सिंगल डोज दिया जाए तो इफिकेसी 90 दिन तक 76% रहती है।
  • यदि कोविशील्ड का दूसरा डोज 90 दिन (12 सप्ताह) के बाद दिया जाए तो इफिकेसी 76% से बढ़कर 82% तक हो जाती है।
  • यदि कोविशील्ड का दूसरा डोज 6 सप्ताह से कम इंटरवेल पर दिया जाए तो आश्चर्यजनक तरीके से वैक्सीन की इफिकेसी घट जाती है और यह घटकर 54% रह जाती है।
  • यानी वैक्सीन का दूसरा डोज 90 दिन के बाद दें तो वैक्सीन की इफिकेसी 82% बढ़ जाती है। यदि दूसरा डोज 6 सप्ताह के अंदर दें तो इफिकेसी 54% ही रह जाती हैै।

को-वैक्सीन के शेड्यूल में बदलाव नहीं
डब्ल्यूएचओ ने भी दूसरे डोज का गैप बढ़ाने का अभिमत भारत सरकार को दिया है। यह स्टडी कोविशील्ड को लेकर हुई, इसलिए (एनटीएजीआई) दिल्ली में कोविशील्ड के दूसरे डोज की टाइमिंग पर बैठकें शुरू कर चुकी है।



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