पेट्राेल की बढ़ती कीमताें के बीच सीएनजी वाहनाें की सेल्स काे कैश करेगी मारुति, अन्य मॉडल्स में भी CNG देने का विचार– News18 Hindi

पेट्राेल की बढ़ती कीमताें के बीच सीएनजी वाहनाें की सेल्स काे कैश करेगी मारुति, अन्य मॉडल्स में भी CNG देने का विचार– News18 Hindi


नई दिल्ली. भारत में लगातार बढ़ रहे पेट्राेल डीजल के दामाें के बीच मारुति सुजुकी ने सीएनजी वाहनाें की बढ़ती डिमांड के मद्देनजर इसे कैश करने की प्लानिंग की है. कंपनी काे उम्मीद है कि पचास प्रतिशत से ज्यादा की ग्राेथ इस साल के मध्य तक सीएनजी वाहनाें की हाेगी. भारतीय बाजार में  मारुति सुजुकी के इस वक्त कुल 14 मॉडल में से आठ सीएनजी ऑप्शन के साथ माैजूद है, कंपनी अब और ज्यादा काराें में भी सीएनजी के ऑप्शन काे बढ़ाकर अपना पाेर्टफाेलियाें और मजबूत करना चाहती है. कंपनी ने यह संकेत भी दिया कि कंपनी अन्य मॉडल्स में भी सीएनजी का विकल्प देने का प्रयास कर रही है. वर्तमान में मारूती की स्विफ्ट डिजायर, आल्टाे, वैगनआर, सिलेरियाे, ईकाे, स्विफ्ट अरटिका के पेट्राेल वेरियेंट में सीएनजी का ऑप्शन कंपनी दे रही है.

 मारुति सुजुकी इंडिया के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग एंड सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि इस साल सीएनजी वाहनाें की खरीद में करीब 37 फीसदी का उछाल आया है. जबकि एक वक्त में अप्रैल से जनवरी के बीच 18 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. सीएनजी वाहनाें की बढ़ती डिमांड काे लेकर उनका मानना है कि पेट्राेल और डीजल के अचानक बढ़ते कीमतें है, जिसका असर सीधे आम लाेगाें की सेविंग्स में पढ़ रहा है. 

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1.5 रुपए प्रति किलाेमीटर पर चलती है सीएनजी 

सीएनजी वाहन सिर्फ 1.5 रुपए प्रति किलाेमीटर के हिसाब से चलते है जबकि पेट्राेल डीजल के वाहन करीब चार रुपए. यही वजह है कि लाेग अब सीएनजी वाहनाें काे ज्यादा प्राथमिकता दे रहे है क्याेंकि इसकी रनिंग कॉस्ट काफी कम है. मारूती ने पिछले साल एक लाख छह हजार यूनिट सीएनजी वाहन बेचें थे. वर्ष 2020-21 में यह अभी ही हमने 1 लाख 19 हजार यूनिट पर पहुंच गए है जाे साल के अंत तक इसके 1 लाख 55 हजार यूनिट तक पहुंचने की संभावना है यानि सीधे- सीधे पचास प्रतिशत का इजाफा.

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अगले साल तक यह 4500 हाे जाएगे सीएनजी फिलिंग स्टेशन

वे कहते है इसके अलावा सीएनजी वाहनाें की डिमांड में आए उछाल की दूसरी वजह अब सीएनजी स्टेशन नेटवर्क का बढ़ना भी है, वे बताते है कि चार साल पहले तक भारत में 1200 सीएनजी फिलिंग स्टेशन ही थे जाे अब दाेगुना यानि 2400 हाे चुके है. उम्मीद की जा रही है कि अगले साल तक यह 4500 हाे जाएगे. उन्हाेंने कहा कि जैसा बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार 100 अन्य शहराें में मार्च 2022 तक सीएनजी स्टेशन्स खाेलेंगी जिसके बाद भारत में करीब 375 शहराें में यह हाेगी.





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