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- Bhopal RTO Office; Madhya Pradesh Transport Minister Govind Singh In Regional Transport Office Today
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भोपाल21 मिनट पहले
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भोपाल के नए RTO भवन में ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक जयपुर की तरह ही बनाया गया है।
- मंत्री राजपूत बोले- CM से बात कर जल्द उद्घाटन कराएंगे
- करीब दो साल से बनकर तैयार RTO के शुरू होने का इंतजार
दो साल से बनकर तैयार भोपाल का नया क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) को देखने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पहुंचे। उन्होंने अंग्रेजी के 8 आकार में बनाए गए ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक की जांच कार में बैठकर की। उन्होंने अधिकारियों से ड्राइविंग टेस्ट की बारीकियों के बारे में जाना।
उन्होंने बताया कि ऑटोमैटिक ट्रैक पर टेस्ट में फेल होने वाले आवेदक को दूसरा मौका कम से कम 10 दिन बाद ही मिल पाएगा। पत्रकारों से चर्चा करते हुए राजपूत ने कहा कि जल्द ही भोपाल RTO का ऑफिस यहां लगने लगेगा। इसके लिए वे CM शिवराज सिंह चौहान से चर्चा कर उनसे उद्घाटन किए जाने का समय लेंगे।
करीब 40 मिनट बिताए
RTO संजय तिवारी ने बताया कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत करीब 40 मिनट तक नए भवन में रहे। वे यहां दोपहर 2 बजे आए थे। उन्होंने बिल्डिंग में एक-एक कमरे और ऑफिस को देखा। लिफ्ट का भी निरीक्षण किया। नए भवन में आने के बाद कार्यप्रणाली को समझा। इसके बाद उन्होंने खुद कार में बैठकर ड्राइविंग ट्रैक को परखा।

मंत्री गोविंद सिंह राजपूत करीक 40 मिनट तक नए भवन में रहे।
200 में 165 नंबर लाना होगा, तभी पास होंगे
इस दौरान उनके ड्राइवर ने सभी तरह के नियमों को फालो करते हुए कार चलाई। तिवारी ने बताया कि ड्राइविंग ट्रैक पर आवेदक को पास होने के लिए 200 में से कम से कम 165 नंबर लाना होगा। पहले परिवहन विभाग द्वारा 180 नंबर निर्धारित किए जा रहे थे, लेकिन आवेदकों को समस्या न हो, इसलिए 165 नंबर किया गया।
इंदौर के बाद दूसरा ऑटोमैटिक ट्रैक
एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अरविंद सक्सेना ने बताया कि इंदौर के बाद भोपाल में प्रदेश का दूसरा ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक है। ऑटोमैटिक सिस्टम होने से सभी को सहूलियत होगी। कम नंबर रखने पर सक्सेना ने कहा कि जहां ट्रैक नया होता है, वहां पर पास होने के लिए नंबर कम रखे जाते हैं। जब आवेदक उसके बारे में अच्छे से समझ जाते हैं, उसके बाद पासिंग नंबरों को बढ़ा दिया जाता है।
इस तरह होगा टेस्ट
- यदि कोई आवेदक चार पहिया वाहन से डीएल के लिए ट्रायल देगा, तो उसकी गाड़ी रिवर्स में एक फीट तक पीछे आने पर नंबर नहीं कटेंगे। पहले 6 इंच तक पीछे आने पर 20 नंबर की कटौती निर्धारित की गई थी।
- यदि कोई आवेदक टेस्ट में फेल होता है, तो उसे 10 से 15 दिन के भीतर फिर से मौका दिया जाएगा।
- शुरुआत में एक वाहन चालक को एक बार में ही ट्रायल के लिए ट्रैक पर भेजा जाएगा।