MLA डागा के ठिकानों पर IT रेड: इनकम टैक्स को मिली 450 करोड़ की अघोषित संपत्तियां, 6वें दिन की पड़ताल में 9 बैंक लॉकर भी मिले

MLA डागा के ठिकानों पर IT रेड: इनकम टैक्स को मिली 450 करोड़ की अघोषित संपत्तियां, 6वें दिन की पड़ताल में 9 बैंक लॉकर भी मिले


  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Income Tax Received Undisclosed Assets Of 450 Crores, 9 Bank Lockers Were Also Found In The Third Day Investigation

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

भोपालएक मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

बैतूल से कांग्रेस विधायक निलय डागा के ठिकानों पर इनकम टैक्स के छापे की कार्यवाही तीसरे दिन 23 अप्रैल को भी जारी रही।

  • 44 लाख रुपये से ज्यादा की विदेशी मुद्रा भी बरामद
  • विभिन्न कंपनियों के शेयर से 259 करोड़ रुपये की कमाई

बैतूल से कांग्रेस विधायक निलय डागा के ठिकानों पर आयकर के छापे की कार्यवाही 6वें दिन 23 अप्रैल को भी जारी रही। जांच दल को डागा की 450 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्तियों का पता चला है। डागा के 9 बैंक लॉकर्स का भी पता चला है। जिसकी पड़ताल की जा रही है। इसी तरह 8 करोड़ रुपए नगद मिलने के बाद 44 लाख रुपए से ज्यादा की विदेशी मुद्रा भी बरामद की गई है।
इनकम टैक्स सूत्रों ने बताया कि विधायक डागा और उनके परिवार ने 259 करोड़ रुपए सिर्फ विभिन्न कंपनियों में शेयर में निवेश से कमाना बताया है। उनकी अधोषित संपत्तियों में बड़ी राशि शैल कंपनियों में निवेश के जरिए अर्जित की गई है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बैतूल स्थित सोया प्रोडक्ट्स मेन्यूफेक्चरिंग ग्रुप के बैतूल और सतना, महाराष्ट्र के सोलापुर और मुंबई और बंगाल के कोलकाता में एक साथ कार्रवाई की थी। इस दौरान 8 करोड़ रुपए नकद बरामद किए गए। कंपनी के पदाधिकारी इस नकदी के बारे में जानकारी नहीं दे सके।
जिन कंपनियों से लेनदेन होना बताया, उनके पते फर्जी निकले
सूत्रों ने बताया कि जांच के दायरे में आईं कंपनियों के पदाधिकारियों ने जिन कंपनियों से लेन-देने होना बताया है, उनके पते फर्जी निकले हैं। इसके साथ ही अघोषित संपत्ति में 52 करोड़ रुपए के बारे में पता चला है। कंपनी की ओर से दावा किया गया था कि यह उनका मुनाफा है, लेकिन जांच में सामने आया कि यह लाभ जिन कंपनियों के जरिये होना बताया गया था, उनमें से कईं कर्मचारियों के नाम से हैं।
शैल कंपनियों के जरिए शेयर की खरीदी-बिक्री
इनकम टैक्स की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि जिन कंपनियों के बीच हुए लेनदेन का ब्योरा दिया गया, वह भी प्रमाणित नहीं हो सका। इन कंपनियों को जिनके नाम से चलाया जा रहा था, उन्हें इससे संबंधित हुए लेनदेन की जानकारी ही नहीं थी। साथ ही 27 करोड़ रुपए की आमदनी शेयर बेचकर होना बताया गया। हालांकि शेयरों की खरीदी-बिक्री कोलकाता स्थित शैल कंपनियों के जरिये की गई।



Source link