कौन सा कप्तान उन्हें सबसे अच्छी तरह से समझ सका? यह पूछने पर इशांत ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट से पहले वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”यह कहना मुश्किल है कि कौन मुझे सबसे अच्छा समझ सका, लेकिन सभी मुझे अच्छे से समझते थे. कप्तान मुझे कितना समझते हैं, उससे ज्यादा जरूरी है कि मैं कप्तान को कितना समझता हूं.”
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उन्होंने कहा, ”यह काफी महत्वपूर्ण है कि कप्तान मुझसे क्या चाहते हैं. यह स्पष्ट होने पर संवाद आसान हो जाता है.” अब तक 99 टेस्ट में 302 विकेट ले चुके इशांत सीमित ओवरों की टीम की हिस्सा नहीं है और आईपीएल में भी कुछ सत्र बाहर रहे. क्या इससे भी टेस्ट क्रिकेट में करियर लंबा करने में मदद मिली?इस सवाल का जवाब देते हुए इशांत ने कहा, ”मैं इसे अभिशाप में वरदान की तरह लेता हूं. ऐसा नहीं है कि मैं सीमित ओवरों का क्रिकेट खेलना नहीं चाहता, लेकिन जब खेलने का मौका नहीं हो तो सबसे अच्छा है कि अभ्यास जारी रखे.” उन्होंने कहा, ”मैं नहीं चाहता कि वनडे में चयन नहीं होने से टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन पर असर पड़े. कम से कम मुझे शुक्रगुजार होना चाहिए कि मैं एक प्रारूप तो खेल रहा हूं.”
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इशांत ने यह भी कहा, ”इसके यह मायने नहीं है कि अगर तीनों प्रारूप खेलता तो मैं सौ टेस्ट नहीं खेल पाता. शायद थोड़ा समय ज्यादा लगता. मैं 32 साल का हूं, 42 का नहीं.” क्या कपिल देव का 131 टेस्ट का रिकॉर्ड उनके जेहन में है? यह पूछने पर उन्होंने कहा, ”131 में समय लगेगा. मैं फिलहाल विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के बारे में ही सोच रहा हूं. यह मेरा विश्व कप है और इसे जीतकर वनडे विश्व कप जीतने वाला ही अनुभव होगा.”
जिम्मी एंडरसन 38 वर्ष की उम्र में खेल रहे हैं, क्या वह भी ऐसा कर सकते हैं? यह पूछने पर इशांत ने कहा, ”38 साल, मैं एक समय में एक मैच के बारे में ही सोचता हूं. आपको पता नहीं होता कि आगे क्या हो. अब मैं रिकवरी को लेकर अधिक पेशेवर हूं. पहले बहुत अभ्यास करता था लेकिन रिकवरी पर ध्यान नहीं देता था. उम्र के साथ शरीर का ध्यान रखना जरूरी है.”