गिरफ्त में तस्कर: रेडियो एक्टिव पदार्थ यूरेनियम की तस्करी करने आए 4 पकड़ाए, ग्राहक बन खरीदने पहुंची STF, कांच की बोतल में माल देख सिर पर हाथ रख किया इशारा

गिरफ्त में तस्कर: रेडियो एक्टिव पदार्थ यूरेनियम की तस्करी करने आए 4 पकड़ाए, ग्राहक बन खरीदने पहुंची STF, कांच की बोतल में माल देख सिर पर हाथ रख किया इशारा


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इंदौर43 मिनट पहले

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बरामद माल और मोबाइल के साथ एसटीएफ की टीम।

  • 2 ग्राम यूरेनियम पॉवडर बताकर उसी से मिलता जुलता पदार्थ लेकर उसे 2 से 3 करोड़ में बेचने आए थे

एटॉमिक एनर्जी के लिए प्रयोग किया जाने वाले रेडियो एक्टिव पदार्थ की तस्करी करने वाले कानपूर यूपी के चार युवकों को स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से गोल्डन चमकदार बारीक पीसा हुआ सा 2 ग्राम पदार्थ मिला है, जिसे ये यूरेनियम बताकर 2 से 3 करोड़ में इंदौर में बेचने के लिए आए थे। कांच की बोतल और प्लास्टिक की थैली में .5 ग्राम अलग-लग पैक इस मेटल पॉवडर को एसटीएफ ने जांच के लिए सागर लैब भेजा है। पता किया जा रहा है कि ये वाकई में यूरेनियम है या कोई नकली पॉवडर। इंदौर में ये किसी लेबोरेट्री से जुड़े शख्स को बेचने के लिए आए थे लेकिन सूचना मिलते ही एसटीएफ ने इन्हें मुखबीर की मदद से माणिकबाग ब्रिज के नीचे से गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ टीआई एम ए सैय्यद ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी शम्मी (22) पिता चंद्रप्रकाश राजपूत निवासी सराय मसवानपुर कानपुर यूपी, योगेशचंद्र (35) पिता नरेंद्र कुमार शुक्ला, उसका भाई सीमू शुक्ला (32) निवासी आवास विकास नंबर 3 कल्याणपुर कानपुर (यूपी), कमल कुमार(32) पिता हीरालाल वर्मा निवासी ईडब्लूएस आवास विकास नंबर 3 हैं। इनके पास से कांच की बहुत ही छोटी सी बोतल और पन्नियों में रखा .5 ग्राम गोल्डन पीसा हुआ चमकदार पॉवडर मिला है, जिसका कुल वजन 2 ग्राम है। इसे ये यूरेनियम बताकर 2 से 3 करोड़ रुपए में किसी लैब से जुडे़ शख्स को बेचने के लिए कानपूर से लेकर आए थे।

पुलिस के अनुसार आरोपी बस से कानपुर से इंदौर पहुंचे और माणिकबाग ब्रिज के नीचे डिलेवरी देने वाले थे। लेकिन संबंधित शख्स की मदद से एसटीएफ की टीम इनसे ये पॉवडर खरीदने के लिए पहुंची। जैसे ही इन्होंने इसे एटॉमिक एनर्जी के लिए प्रयोग किए जाने वाले यूरेनियम का पॉवडर होना बताया, वैसे ही एसटीएफ के आरक्षक ने आसपास तैनात टीम को सिर पर हाथ रखकर इशारा किया और टीम ने इनकी घेराबंदी कर ली। आरोपियों से मिले 2 ग्राम पॉवडर को जांच के लिए हम एफएसएल लैब भेज रहे हैं। वहां से रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट होगा की ये वाकई यूरेनियम है या नहीं ये स्पष्ट होगा। फिलहाल आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। इनके चार मोबाइल भी जब्त किए हैं।

सरगना शम्मी राजपूत है बड़ा जालसाज
कानपूर पुलिस से भी आरोपियों की जानकारी जुटाई तो पता चला गिरोह का सरगना शम्मी राजपूत है। ये रेडियो एक्टिव पदार्थों की तस्करी के नाम पर कई लोगों से धोखाधड़ी कर चुका है। इसने कुछ समय पूर्व गुजरात के एक व्यापारी को प्लेटिनम धातू का पॉवडर बेचने के नाम पर 5 लाख रुपए की ठगी की थी।

हाईप्रोफाइल फोटोग्राफी, लैब और बीमारियों के ट्रीटमेंट में होता है उपयोग
एसटीएफ टीआई श्रीकांत जोशी ने बताया कि यूरनेनियम जैसे रेडियो एक्टिव पदार्थ का उपयोग हैं लैबों में इन्वेंशन के लिए, कैंसर के ट्रीटमेंट, सब्जियों को लंबे समय तक ताजा रखने के लिए किया जाता है। इस तरह के पदार्थों में अल्फा बीटा और गामा किरणे उत्सर्जित होती है। गामा किरण सबसे ज्यादा हार्मफूल होती है। इन्हें मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन में ना लिया जाए तो जानलेवा भी हो सकती है। कुछ समय पूर्व अंधेरे में इस तरह के प्रोडक्ट का उपयोग हाईप्रोफाइल फोटोग्राफी तैयार करने के लिए एलईडी प्लेट्स तैयार करने और एक्सप्लोजन और फ्यूजन के लिए भी किया जाता रहा है। इंदौर में इन आरोपियों की लिंक का भी पता कर रहे हैं।

ये है ओरिजनल यूरेनियम की ताकत
एक ग्राम यूरेनियम से तीन टन कोयले के बराबर बिजली उत्पादन होता है। यूरेनियम के परमाणुओं में विशेष भट्ठी के भीतर विस्फोट कराया जाता है। जिससे जबरदस्त ऊर्जा उत्पन्न होती है। यही एक ग्राम यूरेनियम से उत्पन्न ऊर्जा बिजली के रूप में एक सप्ताह तक लगभग किसी देश के आधे प्रदेश को रोशन कर सकती है।



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