Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
महेश्वर5 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
पूर्व में महेश्वर किले में की गई शुटिंग का दृश्य (फाइल फोटो)
- निमाड़ में नर्मदा किनारे घाटों पर शूटिंग के लिए सुविधाएं देकर सरकार अर्जित कर सकेंगी राजस्व
निमाड़ के महेश्वर में शूटिंग करने के लिए अब शुल्क चुकाना होगा। प्रीवेडिंग शूट के साथ ही ड्रोन से या फिर अन्य कोई भी शूटिंग के लिए प्रशासन ने शुल्क तय कर दिया है। महेश्वर के अलावा आसपास के भी कुछ मनोहारी स्थानों पर शुल्क चुकाकर अनुमति मिलने के बाद ही शूटिंग की जा सकेगी। एक तथ्य यह भी है कि निमाड़ में नर्मदा किनारे घाटों पर शूटिंग के लिए कुछ सुविधाएं मुहैया कराकर सरकार अच्छा खासा राजस्व अर्जित कर सकती है।
जिला पर्यटन, पुरातत्व एवं संस्कृति समिति ने महेश्वर को कैमरे की नजर से देखने के लिए और विश्व पटल पर दिखाने के लिए शुल्क निर्धारित कर दिया है। अब महेश्वर स्थित किला एवं घाट स्थलों को शुट कर उसका उपयोग अन्य उद्देश्य के साथ करने के लिए शुटिंग दर निर्धारित कर ली है। वैसे भी महेश्वर अब मात्र एक घाट और किले का द्वार नहीं है, बल्कि कई बड़ी फिल्मों के निर्माता एवं निर्देशक अपनी फिल्मों में महेश्वर व मां नर्मदा की सुंदरता दिखाने के लिए शुटिंग करने लगे है। पिछले वर्षों से महेश्वर में शुटिंग करने का एक रिवाज सा बन गया है। यहां न सिर्फ प्रीवेडिंग, टीवी सीरियल, वेब सीरीज बल्कि बड़े-बड़े बैनरों की फिल्में शुट की जाने लगी है।
वैसे तो महेश्वर के दृश्यों की शुटिंग करने का सिलसिला आज से 50 वर्ष पूर्व 1970 में महाशिवरात्रि नामक फिल्म से शुरू हुआ था, जिसके बाद तुलसी, गौतमी पुत्र शतकर्णी, अशोका द ग्रेट, यमला पगला दीवाना, यमला पगला दीवाना-2, मणिकर्णिका, तेवर, जिनियस, पेडमेन, दबंग-3, कलंक सहित अन्य फिल्में व धारावाहिक सीरियलों की शूटिंग की जा चुकी है। जिला स्तरीय समिति की बैठक में महेश्वर किला व घाट के साथ ही मंडलेश्वर अनुभाग के अन्य स्थानों के लिए फोटो शुट व शुटिंग के लिए शुल्क निर्धारित किया गया है।
ओंकारेश्वर-हनुवंतिया भी आकर्षक स्थल
निमाड़ में महेश्वर के अलावा ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर और इसके आसपास का इलाका भी मनोहारी है। ओंकारेश्वर में ही बिजली कारखाना और पर्वत श्रेणी किसी भी फिल्म की शूटिंग के लिए बेहतर स्थान हो सकते है। इसके पास ही एशिया का सबसे बड़ा इंदिरा सागर जलाशय और हनुवंतिया भी मौजूद है। इंदिरा सागर बांध के बैकवॉटर में विकसित कई टापू भी फिल्मों की शूटिंग के लिए उपयुक्त हो सकते है। इनमें से कुछ स्थानों को विकसित किया जा चुका है। ऐसे में सरकार फिल्म इंड्रस्टी को पहले से ही आकर्षित करने का प्रयास कर रही है और आने वाले समय में यहां भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते है।
महेश्वर किला व घाट स्थलों के लिए निर्धारित दर
समिति द्वारा प्रीवेडिंग शुट ड्रोन कैमरे के साथ, फिल्म शुटिंग, बड़ी फिल्मों की शुटिंग, महेश्वर किला एवं घाट स्थलों तथा किला व घाट के अतिरिक्त अनुभाग के लिए भी शुल्क निर्धारित किया गया है। अब प्रीवेडिंग शुटिंग ड्रोन कैमरे के साथ महेश्वर निवासी के लिए 4 हजार रुपए प्रतिदिन व महेश्वर से बाहरी क्षेत्र के निवासी के लिए 6 हजार रुपए (प्रतिदिन) शुल्क अदा करना होगा। वहीं फिल्म शुटिंग के लिए एक दिन की अवधि तक के लिए 20 हजार, 2-3 दिवस की अवधि के लिए 35 हजार, तीन दिवस से अधिक अवधि के लिए (प्रतिदिन) 10 हजार रुपए और ड्रोन कैमरे से शुट करने के लिए मात्र एक बार के लिए 10 हजार रुपए देना होंगे। इसके अलावा बड़े बैनर की फिल्मों के लिए प्रथम 5 दिवस के लिए (प्रतिदिन) 50 हजार, 5 से 15 दिन (प्रतिदिन) 30 हजार, 15 दिनों से अधिक (प्रतिदिन) के लिए 10 हजार और ड्रोन से एक बार के लिए 10 हजार रुपए देना होंगे।
महेश्वर किला व घाट के अतिरिक्त अनुभाग के लिए निर्धारित दर
समिति ने महेश्वर किला व घाट के अलावा मंडलेश्वर अनुभाग के अन्य स्थलों के लिए भी शुल्क निर्धारित किया है। यहां फिल्म शुटिंग एक दिन तक की अवधि के लिए 10 हजार, 2 से 3 दिनों की अवधि के लिए 15 हजार, 3 दिवस से अधिक (प्रतिदिन) के लिए 10 हजार और ड्रोन से मात्र एक बार के लिए 5 हजार रुपए शुल्क देना होगा। साथ ही बड़े बैनरों की फिल्मों के लिए 1 से 15 दिनों तक (प्रतिदिन) 20 हजार रुपए, 15 दिनों से अधिक (प्रतिदिन) के लिए 10 हजार और ड्रोन कैमरे से मात्र एक बार के लिए 10 हजार रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। मप्र शासन द्वारा मप्र फिल्म पर्यटन नीति 2020 जारी की गई है, जिसमें प्रत्येक जिले में अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी को नोडल नियुक्त किया गया है। जिले में जिला पर्यटन, पुरातत्व एवं संस्कृति समिति ने नोडल अधिकारी अपर कलेक्टर को बीएस सोलंकी को नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारी इन स्थानों की वीडियो शुटिंग के लिए अनुमतियां प्रदान करेंगे।
रिपोर्ट: विशाल गीते