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भोपाल8 घंटे पहले
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डिलीवरी…रेव पार्टी, कॉलेज और डैम के आसपास घूमने वाले युवाओं को की जाती थी सप्लाई
- एलएसडी टेबलेट, म्याऊं-म्याऊं और पांच ग्राम एमडी जब्त
- ये पहला मौका है जब पुलिस ने एलएसडी, एक्सटीसी जैसी कैमिकल ड्रग के साथ सप्लायर को पकड़ा
डार्कनेट पर एक्सिस कर खरीदी गई व्हाइट ड्रग की सप्लाई शहर के युवाओं में मैकेनिकल इंजीनियर कर रहा था। इसके लिए वह डॉलर और बिटक्वाइन में ऑनलाइन पेमेंट करता था। ये ड्रग रेव पार्टी, कॉलेज कैंपस और डैम के आसपास युवाओं तक पहुंचाई जाती थी। ये पहला मौका है जब भोपाल पुलिस ने एलएसडी, एक्सटीसी/एमडीएमए जैसी कैमिकल ड्रग के साथ किसी सप्लायर को पकड़ा हो। पिपलानी पुलिस ने इंजीिनयर समेत तीन तस्करों को पकड़ा है। उनके पास से 100 एलएसडी स्टेम्प, 100 एमडीएमए टेबलेट या म्याऊं-म्याऊं और पांच ग्राम एमडी जब्त किया है, जिसकी कीमत करीब दस लाख रुपए आंकी गई है।
एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज
टीआई सीएस रघुवंशी ने बताया कि इंद्रपुरी से ऋत्विक कौशल को पकड़ा। उससे हुई पूछताछ में प्रखर सिंह और आयुष मनवानी को पकड़ा। उनके कब्जे से प्रतिबंधित ड्रग जब्त की और उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया। तीनों को अदालत में पेश कर रिमांड पर ले लिया है।
डिलिवरी का भी हाईटेक तरीका
डिलीवरी भी बड़े हाईटेक अंदाज में होती थी। डिलीवरी ब्वॉय ड्रग का पैकेट सुनसान स्थान पर रखकर प्रखर को इन्क्रिप्टेड मैसेज करता था। इसे देखकर प्रखर को डिलीवरी का स्थान पता चलता और वह वहां पहुंचकर पैकेट उठा लेता था। इसके बाद ड्रग रेव पार्टी, कॉलेज छात्रों तक पहुंचाई जाती थी।
1200 की बिकती थी एक टैबलेट
एसपी साउथ साईं कृष्णा ने बताया कि एक्सटीसी की एक टेबलेट 1000-1200 रुपए तक में बिकती थी। तस्कर एलएसडी के लिए युवाओं से 3500 रुपए तक वसूल लेते थे। भोपाल डीआईजी ने तस्करों को पकड़ने वाली टीम को 20 हजार रुपए का इनाम देने का ऐलान किया है।
सायबर कैफे में ड्रग की खरीद-फरोख्त
मूलत: रीवाका रहने वाला प्रखर रोहित नगर में रहता है। कुछ महीने पहले ही उसने सायबर कैफे जाकर डार्कनेट के जरिए कैमिकल या व्हाइट ड्रग का ऑर्डर दिया था। इसके लिए वह सिंगल टाइम यूज ई-मेल एड्रेस बनाता था फिर इन्क्रिप्टेड मैसेज भेजकर बड़े सप्लायर्स से संपर्क करता था। रुपए को डॉलर और बिटक्वाइन में बदलकर वह ड्रग की खरीदी करता था।