घुटने में लगी चोट के चलते तेज गेंदबाज नहीं बन पाए अक्षर पटेल, वेंकटरमन से सीखे स्पिन गेंदबाजी के गुर

घुटने में लगी चोट के चलते तेज गेंदबाज नहीं बन पाए अक्षर पटेल, वेंकटरमन से सीखे स्पिन गेंदबाजी के गुर


अक्षर पटेल ने सिर्फ दो टेस्ट में 18 विकेट लिए हैं. (PIC: PTI)

India vs England: मोटेरा डे-नाइट टेस्ट के मैन ऑफ द मैच अक्षर पटेल बचपन में तेज गेंदबाज बनना चाहते थे. पटेल ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में 11 विकेट झटके हैं.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    February 25, 2021, 11:10 PM IST

आनंद वसु 

नई दिल्ली. जब अक्षर पटेल क्रिकेट जगत में अपना नाम कमाने की शुरुआत कर रहे थे तो उनके शहर नडियाद में एक अजीब घटना घटी. अहमदाबाद से 60 किलोमीटर दूर ही पटेल का परिवार रहता है. अक्षर के भाई ने पब्लिक एरिया में एक विशाल स्क्रीन लगवाया जहां दोस्त और परिवार के साथ मैच देखा  जा सके. सोमवार को अक्षर दुनिया के सबसे बड़े खेल मैदान नरेंद्र मोदी स्टेडियम के विशाल स्क्रीन पर छा गए जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 38 रन देकर छह विकेट लिए.

हालांकि मोटेरा में अपना पहला टेस्ट खेलने वाले अक्षर के परिवार ने कोविड-19 महामारी के मद्देजनर मैदान के बजाय घर पर ही यह मैच देखने का फैसला लिया. ऐसा नहीं था कि अक्षर इस मैदान में पहली बार खेल रहे थे. वह यहां एक रणजी ट्रॉफी मैच और एक वनडे इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं. अक्षर ने इस मैदान को पहले ही अपना बना लिया था.

मृदुभाषी अक्षर ने पहले दिन खेल खत्म होने के बाद कहा, ‘वास्तव में यहां कोई घरेलू लाभ नहीं मिला क्योंकि यह नया स्टेडियम था और नई पिच थी. हम यहां पांच साल बाद खेल रहे थे. लेकिन यह सच है कि गुजराती भीड़ हमे स्थानीय भाषा में खुश कर रही थी, इससे मुझे फायदा हुआ. इसके अलावा दोनों की टीमों के लिए यह मैदान बराबर था.’मोटेरा में घास हटाने से मिली स्पिनर्स को मदद
यहां की स्थितियां सभी के लिए अज्ञात थीं. आमतौर पर डे-नाइट टेस्ट मैचों में तेज गेंदबाजों को सबसे ज्यादा सहायता मिलती है. लेकिन अहमदाबाद में टेस्ट से पहले पिच से घास पूरी तरह से हटा दी गई थी और जब खेल शुरू हुआ तो पिच ने बिलकुल अलग रूप धारण कर लिया. दोनों टीमों में सबसे मुख्य अंतर कंडिशन को लेकर उनकी समझ रही. इंग्लैंड तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतरा जबकि भारत ने दो प्रमुख स्पिनरों के साथ वॉशिंगटन सुंदर को खिलाया. सुंदर निचले क्रम में बल्लेबाजी भी कर लेते हैं. दोनों क्रिकेट टीमों के अप्रोच में अंतर था. यह बहुत पहले ही कहा गया है, सबसे अच्छा कोच वही होता है जो समस्याएं सुलझाता है. बल्लेबाज और गेंदबाजों की तरह खेल को किसी खास तरीके से नहीं खेला जाता. परिस्थिति के अनुरूप निर्णय लेना ही अच्छा होता है.

अगर बल्लेबाजों के दिमाग में समस्या आ रही थी तो लंबे कद के अक्षर ने सीधी गेंद से अपना काम किया. कोई भी बाएं हाथ स्पिनर ऐसा कर सकता था, लेकिन अक्षर ने इस हथियार का प्रभावी तरीके से उपयोग किया. वह स्टंप्स के नजदीक गेंदबाजी कर रहा था. उसने अपने कद का फायदा उठाकर अच्छा प्रभाव पैदा किया. अक्षर ने तुरंत महसूस किया कि नेचुरल वैरिएशन ही इस पिच पर काम करेगी और फ्लाइट गेंदों का फायदा नहीं होगा.

वेंकटरमन से सीखे गेंदबाजी के गुर

यह सफलता अचानक नहीं आई है. लंबा होने के बावजूद अक्षर को फ्लाइट गेंद डालने में दिक्कत होती थी और बल्लेबाजों को ज्यादा परेशान नहीं कर पाता था. उसने नेशनल क्रिकेट एकेडमी में काफी काम किया. पटेल ने एक बार बताया था, ‘जब मैं एनसीए गया था, तो मैंने वेंकट सर (एम वेंकटरमन) से बहुत कुछ सीखा. चूंकि मैं बचपन में तेजी से गेंद फेंकता था तो इसलिए थोड़ी तेज गेंदबाजी करता हूं. एक बार घुटने की समस्या होने पर मैं एक स्पिन गेंदबाज में बदल गया. मुझे लगता है कि इससे मुझे ऑर्म बॉल फेंकने में मदद मिली है.’ वेंकटरमन ने भले ही भारत के लिए केवल एक टेस्ट और एक वनडे खेला हो, लेकिन वह लगातार घरेलू क्रिकेट खेलते थे. उनके नाम 247 प्रथम श्रेणी विकेट हैं. वेंकटरमन के इस अनुभव का पटेल को काफी फायदा मिला.

विकेट टू विकेट गेंदबाजी से अक्षर को मिला फायदा
अक्षर पटेल की जिस तरह से गेंदबाजी करते हैं, उस तरह के गेंदबाजों को आसानी के साथ नहीं खेला जा सकता, कुछ दूसरा किया जा सकता था. इस स्थिति में बॉल लगातार उस जगह पर डाली जा रही थी जो बल्लेबाजों को आतंकित कर रही थी. खासकर वो बल्लेबाज जो अपने रक्षात्मक तकनीक पर विश्वास ज्यादा विश्वास नहीं करते. पिंक बॉल पर अतिरिक्त परत होती है जो इसके चमक और रंग को बनाए रखता है. यह गिरने के बाद सीम के बजाए सीधी निकलती है. अक्षर ने इसी तकनीक का प्रयोग कर स्टंप्स को निशाना बनाया. अक्षर ने बताया, ‘चूंकि गेंद ‘स्किड’ कर रही थी तो आप तो विकेट टू विकेट गेंदबाजी करना पसंद करते हैं. क्योंकि अगर बल्लेबाज बैकफुट पर जाता तो पगबाधा और बोल्ड होने का चांस रहता है.’ अक्षर पटेल ने अश्विन से कहा कि गेंद घूम नहीं रही तो स्टंप्स पर गेंदबाजी करेंगे. विकेट टू विकेट अक्षर के लिए जीत का फॉर्मूला था और यह स्थानीय लड़का अपने घरेलू मैदान में छा गया.








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