मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ का अहम आदेश, सरकार जल्द कराये नगरीय निकाय चुनाव 

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ का अहम आदेश, सरकार जल्द कराये नगरीय निकाय चुनाव 


मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने प्रदेश में जल्दी निकाय चुनाव कराने के आदेश दिये हैं.

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ सरकार और चुनाव आयोग (Election Commission) को प्रदेश में जल्द नगरीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसके बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया है.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    February 25, 2021, 11:08 PM IST

इंदौर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ ने नगरीय निकाय चुनाव को लेकर अहम आदेश दिया है, हाईकोर्ट की पीठ ने सरकार को जल्द नगरीय निकाय चुनाव (Body Election) कराने के आदेश दिये हैं. हाईकोर्ट ने नगर निगम चुनाव में देरी को लेकर फरवरी 2020 में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.

मध्य प्रदेश में करीब डेढ साल से नगरीय निकाय चुनाव चल रहे हैं, जिनको जल्दी कराने के लिए हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ आज आदेश दिया है. हाईकोर्ट का पीठ ने पने आदेश में कहा कि सरकार जल्द से जल्द नगरीय निकाय के चुनाव कराए. निकाय चुनाव में हो रही लेटलतीफी को लेकर अलग-अलग याचिकाएं चल रही थीं. इन पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अविलंब चुनाव कराने के राज्य चुनाव आयोग को आदेश दिया है. जस्टिस सुजाय पॉल और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ल की युगल पीठ ने यह आदेश दया है. इसमें राज्य शासन और राज्य निर्वाचन आयोग को पक्षकार बनाया गया था.

मध्य प्रदेश के नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में एक साल से भी अधिक समय से प्रशासकीय कार्यकाल चल रहा है. पहले कमलनाथ सरकार ने चुनाव की तारीख बढ़ाई और बाद में शिवराज सरकार भी इसे टालती रही. अब कोरोना के चलते तीन महीने के लिए चुनाव आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया था. कोरोना के चलते छह महीने चुनाव टालने की बात कही जा रही थी, लेकिन इसी बीच हाईकोर्ट ने जल्द चुनाव कराने के आदेश दे दिए है.

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दरअसल स्थानीय निकाय चुनाव जल्द कराने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दायर का गई थीं. इन दोनों का गुरुवार को निराकरण हो गया. पहली याचिका इंदौर के पूर्व पार्षद भरत पारीख ने एडवोकेट हर्षवर्धन शर्मा के माध्यम से और दूसरी धार के सरदारपुर के तोलाराम गामड ने एडवोकेट प्रतीक माहेश्वरी के माध्यम से दायर की थी. याचिकाओं में कहा गया था कि प्रदेश में स्थानीय निकाय के चुनाव लंबे समय से लंबित हैं. सरकार कोरोना महामारी के नाम पर इन्हें टाल रही है. लेकिन, दूसरी तरफ 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव करवाए गए है. देश में कई अन्य प्रदेशों में भी विधानसभा चुनाव हुए हैं. जब विधानसभा सीटों पर उप चुनाव करवाए जा सकते हैं तो फिर स्थानीय निकाय चुनाव कराने में क्या दिक्कत है.

जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ल की पीठ ने दिया आदेश

याचिका की सुनवाई जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ल की युगल पीठ ने की. कोर्ट में सरकार ने जवाब पेश करते हुए कहा कि वो चुनाव कराने के लिए तैयार हैं. 3 मार्च को मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा. इस पर कोर्ट ने कहा जब शासन और चुनाव आयोग दोनों तैयार हैं तो फिर स्थानीय निकाय के चुनाव अविलंब कराए जाएं. कोर्ट के आदेश के बाद माना जा रहा है कि संभवत: अप्रैल में चुनाव करवाए जा सकते हैं. वहीं स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर एक और याचिका इंदौर की पूर्व पार्षद फौजिया शेख अलीम ने भी दायर की है. इस याचिका में भी चुनाव जल्द कराने की मांग की गई है. इस याचिका में शासन का जवाब आना बाकी है.








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