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- Husband Came Late, Wife Drank Pesticide, Husband Also Drank The Remaining Bottle, Both Hospitalized
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रतलाम25 मिनट पहले
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फीमेल मेडिकल वार्ड में भर्ती राजूबाई।
- गांव वालों की मदद से भर्ती कराया, ग्राम डेरी में मंगलवार रात को हुई घटना
रात को देर से घर पर आने की गफलत में ग्राम डेरी में मंगलवार रात को पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ। गुस्से में पत्नी ने कीटनाशक पी लिया। पति ने भी पत्नी से शीशी छीनी और बची हुई कीटनाशक मुंह में उड़ेल ली। पत्नी ने दो घूंट कीटनाशक पी व बचा कीटनाशक पति पी गया। गांव के देवीलाल चौधरी, मां श्यामाबाई और गांव वालों ने पति महेश चरपोटा (28) और पत्नी राजूबाई (25) को रात 1:25 बजे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। तबीयत में सुधार होने पर पति ने बताया रात 11:30 बजे घर पहुंचा था। नींद से उठी पत्नी को लगा 1:00 बज गई। उसने विवाद किया और कीटनाशक पी लिया। मैने भी शीशी छीनकर मुंह में उंडेल ली। डॉ. जीवन चौहान ने बताया दोनों मरीजों का स्टमक वाश कर दवाएं दी हैं। तुरंत अस्पताल पहुंचने पर तबीयत ज्यादा बिगड़ने से पहले उपचार हो गया। दोनों खतरे से बाहर हैं।
दैनिक भास्कर की दंपती से बातचीत : दोनों को हुई तीन बच्चों की फिक्र
कितने भाई बहन हो, शादी से पहले भी गुस्सा आता था राजूबाई : तीन बड़े भाई और दो छोटी बहनें हैं। पास खड़ी मां कलाबाई ने बताया मायके सरवड़ जमुनिया में ज्यादा गुस्सा नहीं करती थी। रात को पति आया तो क्या शराब पी रखी थी। गुस्सा क्यों आ गया। राजूबाई : शराब की गंध नहीं आ रही थी। देर से आए इसलिए गुस्सा आ गया। अब क्या लग रहा है? ठीक किया या गलत राजूबाई : मर जाती तो बच्चों का क्या होता। अब गुस्सा नहीं करूंगी। क्या पति को देर रात तक घर से बाहर रहने की परमिशन दोगी राजूबाई : रात को एक बजे भी आएगा तो गुस्सा नहीं करूंगी। कितनी भी देर बाहर रहने की परमिशन है।

मेल मेडिकल वार्ड में भर्ती महेश चरपोटा।
तुमने भी जहर क्यों पी लिया? महेश : पत्नी ने जहर पीया तो मैंने सोचा मैं भी मर जाता हूं। मेरी गलती तो है नहीं। घर जाने में देर क्यों हो गई? महेश : गांव के जितेंद्र मईड़ा की शादी हुई है। परसों बारात लौटी है। मिलने चला गया था। दोस्तों से बात करने में देर हो गई। अब क्या लगता है सही किया या गलत? महेश : माता-पिता और बच्चों का क्या होता यह सोचकर गलत लग रहा है। अब कभी भी झगड़ा नहीं करूंगा। पास खड़े पिता भेरूलाल ने कहा इकलौता बेटा है। ये ही चला जाता तो क्या बचता? मां श्यामाबाई ने बताया छोटा था तब इसका छोटा भाई राहुल पैरों पर चलने लगा था। एक रात को उसे बुखार आया और सुबह मौत हो गई।
महेश इकलौता बेटा है, चला जाता तो मेरी जिंदगी में क्या बचता
पिता भेरूलाल चरपोटा ने बताया दो बेटी और सबसे छोटा महेश इकलौता बेटा है। करीब 10 साल पहले बेटे महेश की भी शादी हो चुकी है। महेश के दो बेटे हर्षित (7), आशीष (6) और सिद्धि (साढ़े तीन साल) हैं। हर्षित गांव के स्कूल में नर्सरी में पढ़ता है। आशीष और सिद्धि आंगनवाड़ी में जाते हैं। मां श्यामाबाई ने बताया महेश से छोटा एक और बेटा था। करीब एक साल की उम्र का था तब एक रात को उसे बुखार आया और सुबह मौत हो गई। पिता भेरूलाल ने बताया महेश इकलौता बेटा है। गुस्से में जहर पीने से उसकी भी मौत हो जाती तो मेरे जीवन में कुछ भी नहीं बचता। भेरूलाल ने बताया डेरी में उनकी दो बीघा जमीन है। परिवार में पति-पत्नी, बेटा-बहू और तीन बच्चे हैं। खेती और मजदूरी से घर चल जाता है।