शतक के करीब पेट्राेल: 10 महीने में 20 रुपए बढ़े पेट्रोल के दाम, जेब खर्च में 25% इजाफा

शतक के करीब पेट्राेल: 10 महीने में 20 रुपए बढ़े पेट्रोल के दाम, जेब खर्च में 25% इजाफा


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हाेशंगाबाद3 मिनट पहले

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भाड़ा महंगा तो अपने साधन से सामान ले जा रहे लोग

  • लॉकडाउन के बाद से लगातार बढ़े दाम, बिक्री भी बढ़ी

2020 अप्रैल में लाॅकडाउन के दाैरान पेट्राेल के दाम 77 रुपए 50 पैसे थे। अब दाम बढ़कर 98 रुपए 44 पैसे हाे गए हैं। पिछले 10 महीनाें में पेट्राेल की कीमत 20 रुपए बढ़ गई, लेकिन पेट्राेल पंपाें पर पेट्राेल की बिक्री कम नहीं हुई। ज्याें-ज्याें पेट्राेल की कीमतें बढ़ी हैं उसी हिसाब से पेट्राेल की बिक्री में भी इजाफा हुआ।

इधर, कीमतों में बढ़ोत्तरी के चलते दूध बांटने वाले, ऑनलाइन खरीदे गए सामान की होम डिलीवरी करने वाले, अपडाउनर समेत तमाम लोगों का खर्च एक साल में तकरीबन 25 प्रतिशत बढ़ गया है। डीजल भी इसके पीछे 90 के पार चल रहा है। डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपाेर्टेशन महंगा हाे गया। इससे जरूरी सामानाें की कीमताें पर भी असर पड़ा है।

दूध पैकेट के डिस्टीब्यूटर बद्रीप्रसाद संताेरे ने बताया स्कूटी से रोज 1200 लीटर दूध की सप्लाई करते हैं। लाॅकडाउन तक प्रतिदिन करीब 150 रुपए का पेट्राेल खर्च हाेता था। अब यह खर्च 250 रुपए से अधिक पर पहुंच गया है। वहीं आय में काेई बढ़ाेत्तरी नहीं हुई है।

भाड़ा महंगा तो अपने साधन से सामान ले जा रहे लोग

डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्टेशन मंहगा हो गया है। लोडिंग ऑटो और अन्य वाहनों का भाड़ा छोटे दुकानदारों के बजट से बाहर है। लोगाें सहित अन्य दुकानदारों ने अपने वाहनों को ही लोडिंग वाहन बना लिया है। कई लोग स्कूटी से सामान ले जा रहे हैं।

यह असर : पेट्राेल और डीजल की कीमतें बढ़ने का असर राेजमर्रा की वस्तुओं पर पड़ा है। ट्रांसपोर्टेशन बढ़ने से महंगाई बढ़ी है। पिछले कुछ महीनाें में शहर के बाहर से आने वाले किराना और सब्जियाें की कीमत में इजाफा हुआ।

इटारसी : नेशनल हाइवे के पेट्रोल पंप पर ये रेट

डीजल : 21 मई 2020

भाव – 68.12 रु. प्रति लीटर। बिक्री – 4537 ली.(एक दिन)

9 माह बाद

डीजल : 21 फरवरी 2021
भाव : 89.03
बिक्री : 3388 लीटर। (एक दिन की)
बिक्री घटी : -1149 लीटर

दाम बढ़ने से बिगड़ा बजट

1. एडवोकेट ब्रजेंद्र राजपूत ने बताया क्लाइंट से मिलने जिले से बाहर जाना पड़ता है। पेट्राेल कार से पहले जो काम 500 रुपए के पेट्राेल से पूरा हाे रहा था। अब 700 से 800 रुपए का खर्चा है। पेट्राेल की कीमतें लाॅकडाउन हटने के बाद से निरंतर बढ़ रहीं हैं।

2. हर्षिता ट्रेडिंग कंपनी में कार्यरत अभिषेक मेहरा को कंपनी के सामान डिस्ट्रीब्यूशन के लिए प्रतिदिन करीब 50 किमी तक घूमना पड़ता है। पहले 80 रुपए के पेट्राेल खर्च से काम हाे जाता था। अब कुछ महीनाें में 150 से 175 रुपए प्रतिदिन अतिरिक्त पहुंच गया है।

3. पाेस्ट ऑफिस मनी कलेक्शन करने वाले अवध राय ने बताया पेट्राेल की कीमतें बढ़ने से पिछले कुछ महीनाें में पेट्राेल का खर्च करीब 150 रुपए प्रतिदिन बढ़ गया। कलेक्शन के लिए बाइक से रोज जाना पड़ता है।



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