कौन हैं वेंकटपति राजू, जो अजहर को याद आए, पहले ही मैच में न्यूजीलैंड को इस स्पिनर ने कर दिया था परेशान

कौन हैं वेंकटपति राजू, जो अजहर को याद आए, पहले ही मैच में न्यूजीलैंड को इस स्पिनर ने कर दिया था परेशान


वेंकटपति राजू ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत अजहरुद्दीन की कप्तानी में की थी.

Mohammed Azharuddin remember Venkatapathy Raju: अहमदाबाद टेस्ट में टीम इंडिया को मिली जीत ने कई यादें ताजा कर दी हैं. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने मैच में अक्षर पटेल के प्रदर्शन को देखकर 1993 में हुई ऐतिहासिक जीत के हीरो रहे वेंकटपति राजू को याद किया है. तब राजू ने कुंबले के साथ मिलकर टीम को 3-0 की जीत दिलाई थी.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    February 26, 2021, 12:40 PM IST

नई दिल्ली: अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम भारत ने इंग्लैंड को तीसरे रोमांचक टेस्ट में 10 विकेट से मात दे दी. मोटेरा की घूमती हुई पिच पर मैच सिर्फ दो दिन में खत्म हो गया. इस टेस्ट में मैच के सबसे बडे हीरो रहे लोकल बॉय अक्षर पटेल. अक्षर ने इस मैच में 11 विकेट लिए. उनके इस प्रदर्शन ने कई लोगों को उनका मुरीद बना दिया. खासकर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का एक ट्वीट खूब सुर्खियों में है. उन्हें अक्षर पटेल के प्रदर्शन को देखकर उनके समय में टीम इंडिया के अहम स्पिनर रहे वेंकटपति राजू की याद आ गई. 1993 में की भारत इंग्लैंड सीरीज में अनिल कुंबले के साथ मिलकर वेंकटपति राजू ने जमकर विकेट चटकाए थे. राजू एकलेफ्ट आर्म स्पिनर थे, लेकिन उन्होंने अपने पहले ही मैच में बल्लेबाजी से न्यूजीलैंड की टीम को परेशान कर दिया था.

राजू का पूरा नाम सागी लक्ष्मी वेंकटपति राजू (Sagi Lakshmi Venkatapathy Raju) है. 9 जुलाई 1969 को आंध्रप्रदेश में हैदराबाद के अल्मुरु में जन्मे राजू ने स्लो लेफ्ट आर्म स्पिनर के तौर पर टीम इंडिया की ओर से 28 टेस्ट मैच खेले. राजू ने अपने करियर की शुरुआत मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में ही फरवरी 1990 में की थी. 28 टेस्ट मैच में राजू ने 93 विकेट लिए. इसके अलावा राजू ने 53 वनडे मैच खेले. इसमें उन्हेांने 63 विकेट झटके. राजू ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 2001 में सौरव गांगुली की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला. हालांकि इस मैच में उन्हें एक ही विकेट मिला.

अजहर को क्यों याद आए राजू
1993 में इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आई. इस सीरीज में पहली बार टीम इंडिया ने इंग्लैंड का 3-0 से सफाया कर दिया. यहीं घर में टीम इंडिया की बादशाहत का दौर माना जाता है. तब इस सीरीज को जीतने का श्रेय भारतीय स्पिनरों को दिया जाता है. भारतीय स्पिनरों की तिकडी कुंबले, राजू और चौहान ने पूरी इंग्लिश टीम को अपने इशारों पर नचाया था. 3 मैचों की सीरीज में कुंबले ने 21, राजू ने 16 और राजेश चौहान ने 9 विकेट हासिल किए थे. 1993 की तरह ही 2021 की ये सीरीज भी स्पिनरों के आसपास घूम रही है. खासकर तीसरे मैच में जिस तरह से स्पिनरों ने विकेट अपने नाम किए हैं, उसके बाद लग रहा है कि चौथे मैच में भी स्पिनरों का दबदबा रहेगा.पहले ही मैच में नाइटवॉचमैन बनकर ऐसी बल्लेबाजी कि कि खिसिया गए कीवी

अपने पूरे करियर में राजू ने यूं तो कभी भी ऐसी बल्लेबाजी नहीं की जिसकी चर्चा हो सके, लेकिन अपने पहले ही मैच में उन्होंने नाइटवॉचमैंन बनकर ऐसी बल्लेबाजी की थी कि कीवी टीम खिसिया गई थी. 1990 में भारतीय टीम न्यूजीलैंड के दौरे पर गई थी. पहला टेस्ट मैच क्राइस्टचर्च में खेला जा रहा था. राजू ने इसी मैच में डेब्यु किया था. न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 459 रन बनाए. मैच में कपिल और राजू ने 3-3 विकेट लिए. बारी भारत की बल्लेबाजी की आई. 88 रन पर तीन विकेट गिरने के बाद चौथे नंबर पर नाइट वॉचमैन के रूप में वेंकटपति राजू को उतारा गया. कामचलाऊ बल्लेबाज के रूप में आए राजू पिच पर 2 घंटे से ज्यादा जमे रहे. उनके सामने सारे खिलाडी आउट होकर चले गए. आखिरी विकेट राजू के रूप में गिरा. उन्होंने 31 रन बनाए. टीम इंडिया ने कुल 164 रन बनाए. इसमें तीसरा सबसे बडा स्कोर राजू के नाम रहा.हालांकि इस मैच को कीवी टीम ने जीता था.








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