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रतलाम9 मिनट पहले
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गुलरवाली मसजिद के पास जर्जर मकान तोड़ने के दौरान यहां गुरुवार को दिल पसीजने वाली घटना हुई। वाइब्रेटर से मकान तोड़ रहे थे तब पड़ोस के मकान पर बने छज्जे के कमरे की दीवार ढह गई जिससे भाई-बहन की मौत हो गई। बहन के बच्चों को चोट आई है। बच्चे फिलहाल जिला अस्पताल में भर्ती हैं। मकान मालिक निर्माण सही बता रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक एंड होम एप्लायंस शोरूम धनश्री संचालक धनसुख जैन (चौरड़िया) का गुलरवाली मसजिद के पास गली में जर्जर मकान है। इसका ठेका 55 हजार में इकबाल कबाड़ी को दिया। मजदूर पंकज पिता गौतम पारगी (30) निवासी मातर थाना सरवन, उसकी बहन मंजू पति दिनेश झोड़िया (25) मलबा भरकर ट्रॉली में डाल रहे थे। मंजू के दो बच्चे पिंका (5) व शिवानी (2) पास में धनसुख के दूसरे पक्के मकान के नीचे शटर के पास खेल रहे थे। जहां बच्चे थे, उसके ऊपर बिना लेंटर के छज्जे पर बने कमरे की दीवार ढह गई। बच्चे तो शटर के पास सटकर बैठे थे, इसलिए उन पर ज्यादा मलबा नहीं गिरा लेकिन मां मंजू व मामा पंकज ट्रॉली में मलबा डाल रहे थे, उन पर दीवार गिर गई। दबने से महिला की मौके पर मौत हो गई। पंकज ने जिला अस्पताल ले जाते वक्त दम तोड़ दिया। दोनों बच्चे जिला अस्पताल में भर्ती हैं।
व्यापारी ने सारी जगह के उपयोग के लालच में बिना लैंटर के छज्जे पर बनाया कमरा, वही ढह गया
ग्राउंड फ्लोर पर पुराने मकान को तोड़ रहे थे। पास में लाइनिंग शटर वाला जो तीन मंजिला मकान है, उसके शटर के ऊपर बिना लैंटर के छज्जे पर कमरा बनाया गया था, उसकी दीवार कंपन से ढह गई। व्यापारी ने छज्जे की जगह का भी कमरे के रूप में उपयोग करने के लालच में यहां बिना लेंटर कमरा बना दिया इसीलिए हादसा हुआ। वहीं, बैरिकेडिंग आदि सुरक्षा इंतजाम नहीं किए।
सीसीटीवी लाइव:- सुबह 11.47 बजे मंजू तगारी भरने गई। 11 बजकर 48 मिनट 41 सेकंड पर लौट रही थी। 11 बजकर 48 मिनट 42 सेकंड पर दीवार ऊपर गिरी।
नोटिस दिया है- सीएमओ
^गाइडलाइन अनुसार ओपन स्पेस छोड़ना नपा तय करती है। परमिशन के बाद निर्माण करना मकान मालिक की जिम्मेदारी है। नोटिस दिया है और कार्रवाई भी करेंगे।
नीता जैन, सीएमओ नपा जावरा
दो साल की सजा संभव
^मकान मालिक धनसुख जैन व ठेकेदार इकबाल पर एफआईआर की है। 2 साल की सजा संभव है।
वीडी जोशी, थाना प्रभारी, सिटी थाना जावरा
हादसा } मकान तोड़ने के दौरान वाइब्रेटर से पड़ोसी के मकान का छज्जा ढहा, मकान मालिक व ठेकेदार पर एफआईआर
फूटे जज्बात : आंखों के सामने पलभर में सब खत्म हो गया- पिता
मजदूरी कर पेट पालते हैं। मैं साइड में काम कर रहा था व साला पंकज, पत्नी मंजू मलबा भर रहे थे। मेरे बच्चे छज्जे के नीचे खेल रहे थे। सब ठीक चल रहा था कि छज्जे के साथ दीवार गिरी। मलबे के नीचे व धूल के गुब्बार में परिवार ओझल हो गया। धूल छंटने पर पास गए तब तक सबकुछ खत्म हो चुका था।
-दिनेश झोड़िया, मृतक मंजू का पति, जैसा एएसआई शिवाजीराव जगताप को बताया।
और यह निष्ठुरता : मकान तो सही बना था, हादसा दु:खद- व्यापारी
मकान सही बना है। आरसीसी निर्माण है। पास में जो मकान तोड़ रहे थे, उसकी वजह से किसी तरह हादसा हो गया। पुराना मकान जर्जर हो रहा था। उसके कारण कोई हादसा ना हो जाए, इसलिए डिस्मेंटल कर प्लॉट खाली करने का इकबाल कबाड़ी को 55 हजार में ठेका दिया था। मजदूर उसी के अंडर में थे। मैं मौके पर नहीं था। हादसा दु:खद है।
धनसुख जैन, मकान मालिक एवं इलेक्ट्रॉनिक व्यवसायी