सजा काले पानी की: दाे बीघा में निजी डैम बना पानी सहेजा ताकि सिंचाई के लिए पानी मिले, लेकिन चिप्स कारखानों के स्टार्च से पानी काला पड़ा

सजा काले पानी की: दाे बीघा में निजी डैम बना पानी सहेजा ताकि सिंचाई के लिए पानी मिले, लेकिन चिप्स कारखानों के स्टार्च से पानी काला पड़ा


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महू5 मिनट पहले

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गर्मी में खेती के लिए पानी मिले इसलिए दाे बीघा जमीन पर किसान ने डैम बनाया। अभी इसमें भरपूर पानी है लेकिन चिप्स कारखानाें के प्रदूषण से पानी काला पड़ा।

आलू-चिप्स कारखानाें के प्रदूषण से अब पातालपानी राेड पर बाेरखेड़ी गांव के किसानों काे काले पानी की सजा भुगतना पड़ रही है। यहां बाेरखेड़ी में दाे बीघा जमीन पर किसान ने निजी डैम बनाया है, ताकि फसल की सिंचाई के लिए पानी मिल सके लेकिन आसपास के चिप्स कारखानों से बहाए स्टार्च से डैम का पानी काला हाे गया है। जिससे यह पानी खेती के लिए उपयाेग में नहीं आ रहा है। इस वजह से आसपास के एरिया में प्याज, लहसुन व सफेद मूसली की खेती पर संकट गहरा गया है।

यहां बाेरखेड़ी में प्याज व सफेद मूसली की खेती करने वाले किसान पुरूषाेत्तम पाटीदार ने बताया की उन्हाेंने दाे साल पूर्व करीब 25 लाख रु. खर्च कर निजी डैम बनाया था। जिससे आसपास के किसान िसंचाई के लिए पानी ले रहे थे। इस साल भी डैम में भरपूर पानी है, लेकिन यह खेती के उपयाेग नहीं आ रहा है। इसकी वजह यहां आसपास के चिप्स कारखानाें से बहाया स्टार्च व प्रदूषित पानी है।

जिससे डैम के पानी का रंग काला पड़ गया है। वहीं पानी झागदार व बदबूदार हाे गया है। अब डैम से पानी नहीं मिलने से वर्तमान में उनकी लगी प्याज व सफेद मूसली की फसल पर संकट गहरा गया है। अगर पानी नहीं मिला ताे यह फसल पूरी तरह बर्बाद हाे जाएगी। इसके अलावा भी अन्य किसान रामलाल पाटीदार व माखनलाल पाटीदार जाे इस डैम से पानी लेते थे उन्होंने बताया पानी नहीं मिलने से लहसुन की फसल बर्बाद हाेने की कगार पर है।

पानी काला होने से सफेद मूसली की खेती बर्बादी की कगार पर

किसान पाटीदार ने बताया कि इस सीजन में उन्हाेंने सफेद मूसली, प्याज व लहसुन की खेती की है। इन सभी खेती के लिए वह पानी अपने डैम से ही लेते हैं। सफेद मूसली की करीब 30 लाख की फसल पक कर तैयार है। जिसकाे निकालने के लिए पानी की जरूरत है। लेकिन डैम का पानी काला हाेने से फसल काे नहीं दे सकते। जिसके चलते पकी फसल नहीं निकालने से पूरी फसल बर्बाद हाेने की आशंका है। इसकाे लेकर सीएम हेल्पलाइन सहित स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियाें काे भी शिकायत की है।

और… सरकारी तालाब का पानी भी हाे गया काला

पाटीदार ने बताया कि गांव में ही सरकारी तालाब का पानी भी चिप्स कारखानाें से निकले स्टार्च व प्रदूषित पानी से काला हाे गया है। इस तालाब के आसपास भी बड़ी संख्या में किसानाें ने प्याज व लहसुन की फसल ले रखी है, लेकिन वह भी इस तालाब का पानी काला हाेने के बाद इसका उपयाेग नहीं कर पा रहे हैं।

जिम्मेदाराें ने प्रदूषण राेकने काे लेकर काेई पहल नहीं की – चिप्स कारखानों से काेदरिया, मलेंडी, गुजरखेड़ा, बाेरखेड़ी, सांतेर आदि जगह पर नदी व तालाब का पानी काला हाे रहा है। वहीं मंदिराें में प्रतिमाएं व शिखर कलश भी काले पड़ रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद अब तक जिम्मेदाराें ने प्रदूषण राेकने काे लेकर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है।

जांच के लिए कहा है

जो भी कारखाने प्रदूषित पानी नदी में बहा रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी। प्रदूषण विभाग को भी जांच के लिए कहा है।

-अभिलाष मिश्रा एसडीएम महू

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