नकली घी की फैक्टरी पर छापा: 100 रुपए में तैयार करते थे एक किलो घी, 280 रुपए प्रिंट रेट दर्शा कर महाकौशल व विंध्य के जिलों में बेचते थे

नकली घी की फैक्टरी पर छापा: 100 रुपए में तैयार करते थे एक किलो घी, 280 रुपए प्रिंट रेट दर्शा कर महाकौशल व विंध्य के जिलों में बेचते थे


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जबलपुर34 मिनट पहले

गढ़ा क्षेत्र के भारत कॉलोनी में नकली घी फैक्टरी का खुलासा।

  • क्राइम ब्रांच, गढ़ा पुलिस और फूड विभाग की संयुक्त कार्रवाई, 800 किलो घी जब्त
  • 500 ग्राम से लेकर 15 किलो के टीन में पैक कर बेचते थे आरोपी

शहर में मिलावटखोरों का एक और कारनामा शनिवार को सामने आया। क्राइम ब्रांच, गढ़ा पुलिस और फूड विभाग ने भारत कॉलोनी में एक मकान में दबिश दी। मकान को किराए से लेकर तीन पार्टनर पिछले दो महीने से नकली घी तैयार कर रहे थे। मौके से करीब 800 किलो तैयार व पैकिंग घी जब्त हुआ है। वहीं, बड़ी मात्रा में रैपर, डिब्बे, सील मशीन आदि मिले हैं।

इंद्रानगर गोरखपुर निवासी राहुल गुप्ता, विजय नगर निवासी संतोष केशरवानी और गुप्तेश्वर कैलाश मोहल्ला निवासी राजेश केशरवानी पिछले दो माह से भारत कॉलोनी में किराए पर मकान लेकर नकली घी बना रहे थे। पुलिस ने मौके से संतोष व राहुल गुप्ता को हिरासत में लिया है, जबकि राजेश केशरवानी फरार हैं।

पावक नाम से घी की करते थे पैकिंग
पूछताछ में सामने आया कि तीनों आरोपी पिछले एक वर्ष पावक ब्रांड नेम से घी बना रहे थे। पहले वे बाइपास पर नकली घी बना रहे थे। नकली सामग्री को लेकर पुलिस व क्राइम ब्रांच की धरपकड़ से बचने के लिए तीनों ने दो महीने पहले ठिकाना बदल दिया और भारत कॉलोनी में आ गए। आरोपी एक किलो डालडा को गरम कर उसमें घी का एसेंस मिला देते थे। फिर इसे 500 ग्राम से लेकर 15 किलो के टीन में पैक करते थे।

ये था बिजनेस का प्लान
आरोपी 100 रुपए में एक किलो घी तैयार कर देते थे। इसमें डालडा, एसेंस, रैपर, डिब्बे, डालडा व परिवहन शामिल है। एक किलो डिब्बे पर ये 280 रुपए कीमत दर्शाते थे। थोक में 220 रुपए में दुकानदारों को सप्लाई करते थे। आरोपी ये नकली घी पूजा-पाठ व हवन के लिए बेचते थे। वहीं, एक पाव से लेकर पांच किलो का पैकेट भी तैयार करते थे, जिसे स्थानीय दुकानों में बेचते थे।

10 दिनों से लगी थी क्राइम ब्रांच
गढ़ा टीआई राकेश तिवारी के मुताबिक एसआई विनय बुंदेला, क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षक प्रमोद पांडे, अजय पांडे, आरक्षक रामगोपाल, रामलाल, अजय लोधी, खुमान पटैल, महेंद्र पटेल, सचिन व अश्वनी की टीम पिछले 10 दिनों से नकली घी की फैक्ट्री का भंडाफोड़ में जुटी थी। टीम ने पहले इसका नेटवर्क खंगाला। इसके बाद शनिवार को शाम चार बजे दबिश दी गई।

महाकौशल व विंध्य के जिलों में सप्लाई
आरोपियों का नेटवर्क महाकौशल व विंध्य क्षेत्र में फैला था। वे जबलपुर के अलावा, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, मंडला, डिंडोरी, रीवा, सतना, मैहर, पन्ना, सीधी, दमोह आदि जिलों में था। मौके पर कार्रवाई के लिए पहुंची फूड अधिकारी माधुरी मिश्रा के मुताबिक सैम्पल लेकर लैब भिजवाया जा रहा है। अभी इस मकान को सील कर दिया गया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

तस्वीरों में देखें किस तरह संचालित था नकली घी का कारोबार

गढ़ा टीआई राकेश तिवारी नकली घी की पैकिंग दिखाते हुए।

डालडा व एसेंस मिलाकर बनाते थे नकली घी।

डालडा व एसेंस मिलाकर बनाते थे नकली घी।

15 किलो के टीन में भी पैक करते थे आरोपी।

15 किलो के टीन में भी पैक करते थे आरोपी।

गत्ते में आधा किलो व एक किलो घी को पैक कर बेचते थे।

गत्ते में आधा किलो व एक किलो घी को पैक कर बेचते थे।

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