इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर बंपर सब्सिडी
गहलोत के मुताबिक, ‘दिल्ली की ईवी नीति में इलेक्ट्रिक कारों पर दी जाने वाली सब्सिडी इलेक्ट्रिक कारों के स्वामित्व की कुल लागत को 30 प्रतिशत तक कम कर रही है. एक व्यक्ति एक डीजल कार से ईवी पर स्विच करके प्रति माह 1050 रुपए बचा सकता है.’
Electric Car की बढ़ी मांग को देखते हुए कई कंपनियों ने भारत में एंट्री कर ली है.
दिल्ली सरकार के सभी विभागों में अब इलेक्ट्रिक गाड़ियां दौड़ेंगी
दिल्ली सरकार ने गुरुवार को ही एक आदेश जारी कर कहा है कि दिल्ली सरकार के सभी विभाग, स्वायत्त निकाय और अनुदान प्राप्त संस्थान अपने मौजूदा पारंपरिक ईंधन वाले वाहनों के बेड़े को इलेक्ट्रिक वाहन में बदल देंगे. इस फैसले से 2,000 कारें प्रभावित होंगी और इसे अगले 6 महीने के अंदर ईलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा.
केजरीवाल ने दी ये प्रतिक्रिया
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इस फैसले की प्रशंसा करते हुए ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए यह एक लंबा रास्ता तय करेगा. दिल्ली तेजी से एक आधुनिक शहर बन रहा है. हर भारतीय को दिल्ली पर गर्व है.’
इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बारे में लोगों ने ये कहा
दिल्ली सरकार का ‘स्विच दिल्ली’ अभियान आठ सप्ताह का जन जागरूकता अभियान है. इस अभियान का उद्देश्य दिल्ली में प्रत्येक व्यक्ति को प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों से शून्य-उत्सर्जन वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने के लिए जानकारी देना, उन्हें प्रोत्साहित और प्रेरित करना है. अंजू जैन कहती हैं, इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदना आसान है, इलेक्ट्रिक वाहन गति और प्रदर्शन के मामले में आईसीई वाहन से बेहतर हैं. दिल्ली सरकार की ईवी नीति के लिए धन्यवाद. मुझे करीब 3 लाख का लाभ हुआ, 15ए प्लग प्वाइंट से अपने घर पर ही ईवी चार्ज करती हूं और यह लगभग 220 किमी तक चलता है.

इलेक्ट्रिक तिपहिया ऑटो खरीदकर लगभग 29 हजार रुपये सालाना बचाए जा सकते हैं.
अगली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित ऐसे होगा
वहीं, अमित आर्य कहते हैं, ‘दिल्ली सरकार की मदद के लिए धन्यवाद, सस्ती कीमत पर एक अधिक कीमती वाहन मिल रहा है, मैं लोगों को ईवीएस खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता हूं, ओवरनाइट चार्जिंग 7-10 दिनों तक चलती है, हमें अगली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित करना है, इसलिए, हमें ईवी में स्विच करने और पर्यावरण को बचाने के लिए यह बुद्धिमानी भरा कदम उठाना होगा.
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कुलमिलाकर मौजूदा डीजल या पेट्रोल वाहन बेड़े को ईवी में बदलने की प्रगति की निगरानी के लिए दिल्ली परिवहन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है. सभी विभागों के लिए यह भी आवश्यक होगा कि वे नोडल विभाग को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने की मासिक कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे.