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होशंगाबाद2 घंटे पहले
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प्रतिकात्मक फोटो
- संस्कृत को सरल बनाने और रोजगारोन्मुखी बनाने की दिशा में नया अभिनव प्रयोग
संस्कृत विषय में आमतौर पर बच्चे रुचि नहीं लेते, लेकिन अब यह विषय रोचक बनाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। जिले में संस्कृत को सरल बनाने और रोजगारोन्मुखी बनाने की दिशा में नया अभिनव प्रयोग होने जा रहा है। यहां के सरकारी स्कूलों में बच्चों को खेल-खेल में संस्कृत सिखाई जाएगी। गाना गाएंगे संस्कृत में, और तो और मध्याह- भोजन करेंगे तो भी संस्कृत बोलेंगे। शिक्षक और विद्यार्थी आपस में बातचीत भी संस्कृत में करेंगे।
संस्कृत शिक्षक बनेंगे मास्टर ट्रेनर
जिले के संस्कृत व्याख्याताओं को संस्कृत संभाषण कार्यशाला के माध्यम से ट्रेंड किया गया है। ये मास्टर ट्रेनर संस्कृत विषय पढ़ाने वाले स्कूल में जाकर तौर-तरीके बताएंगे। कार्यशाला में खासतौर पर प्रशिक्षण देने कार्यशाला के प्रशिक्षक रहे डम्बरुधरपति ने कहा- संस्कृत को पुस्तकों और रटने की प्रक्रिया के स्थान पर अब दैनिक जीवन के उदाहरणों से जोड़ना आवश्यक है तभी संस्कृत हमारे रक्त में प्रवाहित होगी।
इस तरह सीखेंगे संस्कृत
बच्चे जब भी खेल खेलेंगे तो वे खेलते समय संस्कृत में बोलेंगे। मसलन सांप सीढ़ी को सर्प जालम्, शतरंज को चुतुरंगिनी, गोला फेंक को लौह प्रहार आदि बोलेंगे।
इस तरह करेंगे बात
मध्याह्न भोजन के समय भी बच्चे संस्कृत में इस तरह बोलचाल करेंगे। चटाई में बैठिए तो बोलेंगे कहे उपविशतु। गिलास रखिए को कहेंगे चसक: स्थापयतु।