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इंदौर24 मिनट पहले
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जिला प्रशासन द्वारा शिविर लगाकर प्लाट मालिकों को आवंटन करते हुए
इंदौर में आम आदमी ही नहीं, अफसरों के घर का सपना भी भूमाफिया दबाकर बैठे थे। ऐसा ही मामला एक बीएसएनएल अधिकारी का भी आया है। बीएसएनएल कार्यालय में सुपरिटेंडेंट पद पर कार्यरत आरएस चौहान ने वर्ष 1998 में देवी अहिल्या श्रमिक कामगार गृह निर्माण संस्था में सदस्य बनकर भूखंड खरीदा। लेकिन जब वहां कब्जा करने गए तो पता चला कि यहां पास की कॉलोनी वालों ने आधा किलोमीटर के दायरे में आने वाले उनके प्लॉट पर भी कब्जा कर लिया है।
वर्ष 2012 में जब उन्होंने अपने प्लाॅट पर दोबारा कब्जा लेने की कोशिश की तो पता चला कि संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश भावसार को जेल हो गई है और प्रशासन ने सहकारिता विभाग के अधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया है। रिसीवर ने इनके अलावा पांच अन्य लोगों के प्लॉट पर भी कब्जा करवा दिया है। भूमाफिया और सहकारिता विभाग के अफसरों के चंगुल में फंसे अधिकारी 23 साल तक परेशान रहे। परेशान होकर उन्होंने भूखंड की आस ही छोड़ दी थी।
इन दिनों जिला प्रशासन भूमाफिया के खिलाफ अभियान चलाकर पात्र लोगों को प्लॉट पर कब्जा दिलाया जा रहा है। अफसर और अन्य पांच भूखंड के खरीदार ने प्रशासन से गुहार लगाई। अब 23 साल बाद इन्हें कब्जा मिलेगा।