नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल (Ian Chappell) ने कहा कि भारत ने चेन्नई में खेले गए दूसरे टेस्ट में स्पिन खेलने में इंग्लैंड की कमजोरी की पहचान कर ली थी. तीसरे टेस्ट में टीम इंडिया ने इसे अपने फायदे की तरह इस्तेमाल किया जिसकी वजह से मेहमान टीम 2 दिन के अंदर पिंक बॉल टेस्ट मैच गंवा बैठी.
स्पिनर्स अक्षर पटेल (Axar Patel) और रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ahswin) ने क्रमश: 11 और 7 विकेट चटकाए जिससे इंग्लैंड (England) की टीम पहली पारी में 112 और दूसरी पारी में 81 रन पर ऑल आउट हो गई और भारत (India) ने 10 विकेट से मैच अपने नाम कर लिया.
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इससे पहले चेन्नई में दूसरे टेस्ट को भारतीय टीम ने 317 रन से जीता था. इस टेस्ट में इंग्लैंड की टीम दोनों पारियों में महज 134 और 164 रन ही बना सकी थी. चैपल ने ‘ईएसपीएन क्रिकइंफो’ पर अपने कॉलम में लिखा, ‘भारत ने टेस्ट में 3 स्पिनर्स को खिलाने का फैसला क्योंकि चेन्नई की पिच पर जो रूट के अलावा कोई और बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका था.’
इयान चैपल (Ian Chappell) ने कहा, ‘भारत (Team India) ने इसका सही इस्तेमाल करते हुए उनकी मानसिकता को प्रभावित करते हुए इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया.’ उन्होंने कहा कि चेन्नई में खेले गये दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड की पारी सस्ते में इसलिए सिमटी क्योंकि उनके बल्लेबाजों को अपने डिफेंसिव खेल पर भरोसा नहीं था.
इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘जब स्पिन की गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ा, तो इंग्लैंड के बल्लेबाजों को अपनी रक्षात्मक खेल पर भरोसा नहीं था, जिसके कारण उन्होंने भारतीय स्पिनर्स के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने की कोशिश की. वो क्रीज से बाहर निकल कर खेलने की जगह रिवर्स स्वीप का सहारा ले रहे थे जो इसका सटीक उदाहरण है.’
उन्होंने सवाल किया, ‘पहले से मन बना कर खेले गये जोखिम भरे शॉट, अच्छे स्पिनर्स को अस्थिर करने के लिए इस्तेमाल की जा रही विश्वसनीय तकनीक से बेहतर कैसे हो सकते हैं?. कदमों के बेहतर इस्तेमाल से स्पिन के असर को कम करने के साथ बल्लेबाज के पास मन के मुताबिक जगह पर शॉट खेलने का विकल्प होता है. ये ऐसा हुनर है जिसे खेल के शुरुआती दिनों में सीखा जाता है.’