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इंदौर5 मिनट पहले
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लोकायुक्त की टीम आरक्षक और सफाई कर्मी को पकड़कर किशनगंज थाने लेकर पहुंची।
महू उपजेल में कैदी को बेहतर सुविधा देने के नाम पर रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। लोकायुक्त टीम ने दबिश देकर एक जेल आरक्षक और सहयोगी सफाई कर्मी को दबोचा गया है। आरक्षक ने कैदी के परिजनों से 25 हजार की रिश्वत मांगी थी, जो सफाईकर्मी के मर्फता उस तक पहुंचनी थी। हालांकि परिजनों की शिकायत पर इंदौर लोकायुक्त ने इसके पहले ही टीम ने दबिश दी और उसे दबोच लिया। आगे की कार्रवाई के लिए टीम दोनों को किशनगंज थाने लेकर पहुंची। छापा जेल आरक्षक और सफाई कर्मचारी कैदी के परिजनों से मुलाकात कराने को लेकर मांग रहे थे 25 हजार की रिश्वत।
यह है पूरा घटनाक्रम
लोकायुक्त इंदौर को जितेंद्र सोलंकी निवासी ग्राम खजुरिया हातोद ने शिकायत की गई थी। उसने बताया कि उसके मित्र दिलीप चौकसे के खिलाफ किशनगंज थाने में जून 2020 में धारा 34(2) आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई हुई थी। मामले में उसका मित्र अभी उप जेल महू मे बंद है। चौकसे को जेल में कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए जेल का स्टाफ लगातार परिजनों से पैसे की मांग कर रहा था, जिसमें पहले भी चौकसे की ओर से जेल स्टाफ को पैसे दिए गए थे, लेकिन चौकसे से वे लोग अब और रुपए मांग रहे हैं।
लगातार रुपए देने से परेशान परिजनों ने मामले की शिकायत लोकायुक्त में की। इस पर डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल की टीम ने प्लान के शिकायतकर्ता जितेंद्र सोलंकी को रिश्वत के रुपए लेकर भेजा। उससे उप जेल के प्रहरी अजेंद्र सिंह राठौर द्वारा फिर से 25000 रुपए की मांग की गई थी। इस पर वह सोमवार को लोकायुक्त के कहने पर रुपए लेकर पहुंचा था। उसके साथ ही टीम जेल प्रांगण में पहुंची। आरोपी प्रहरी अजेंद्र ने उसे जेल में कार्यरत सफाईकर्मी मनीष बाली को पैसे देने को कहा। जैसे ही पीड़ित ने रुपए मनीष को दिए, वहां मौजूद टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया। नाम पूछने पर आरक्षक का भी खुलासा हुआ। टीम ने दोनों को पकड़ा और किशन गंज थाने लेकर गई।