लोकायुक्त की टीम ने महू उप जेल के प्रहरी अरजेंद्र सिंह राठौर और सफाई कर्मी मनीष बाली को गिरफ्तार कर लिया. ये दोनों एक कैदी को सुविधा देने के नाम पर रिश्वत ले रहे थे.
लोकायुक्त इंदौर से जितेंद्र सोलंकी नाम के शख्स ने लिखित शिकायत की थी.उन्होंने लिखा था कि उसका दोस्त दिलीप चौकसे महू उपजेल में बंद है.उसे जेल में कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए जेल का स्टाफ लगातार परिवार वालों से पैसे मांग रहा है.चौकसे की तरफ से जेल स्टाफ को पहले भी पैसे दिए गए थे, लेकिन स्टाफ की ये डिमांड खत्म ही नहीं हो रही है. पैसे नहीं देने पर ये चौकसे को परेशान कर रहे हैं.शिकायत कर्ता ने जेल में कभी-कभी मारपीट का भी जिक्र किया.
जैसे ही रिश्वत ली, लोकायुक्त ने पकड़ लिया
जब जेल स्टाफ की रिश्वतखोरी की हद हो गयी तो उनके खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत कर दी गयी.शिकायत मिलते ही लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक एस.एस.सरार्फ ने एक टीम गठित बना दी.लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने योजना बनाकर फरियादी की शिकायत की तस्दीक हो जाने के बाद जितेंद्र सोलंकी को उपजेल प्रहरी के पास पैसे देने के लिए भेजा.जेल प्रहरी ने खुद पैसे न लेते हुए जेल के सफाई कर्मचारी के पास पैसे जमा कराने के संकेत दिए.जैसे ही सफाई कर्मचारी मनीष बाली ने रिश्वत के 25 हजार रुपये लिए लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया.
उप जेल में भ्रष्टाचार
यह पहला मामला नहीं है जब लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद जेल के अंदर होने वाली रिश्वतखोरी का मामला सामने आया हो.कैदियों को सुविधा दिलवाने के नाम पर पैसे वसूले ही जाते हैं,बल्कि कई बार जेल के अंदर नशीला पदार्थ तक पहुंचाने के लिए भी पैसे मांगने की शिकायत मिली हैं,लेकिन जेल प्रबंधन की ओर से ऐसी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई,ताकि इस पर लगाम लग सके.
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लोकायुक्त पुलिस ने की पुष्टि
लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल के मुताबिक महू उपजेल में जेल प्रहरी अरजेंद्र सिंह राठौड़ और सफाई कर्मचारी मनीष बाली को रिश्वत लेते पकड़ा है.दोनों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू की गई है.