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- To Eliminate The Corona, The Chemical That Was Sprayed In 11 Districts Including Bhopal Vidisha And Ujjain, It Turned Out To Be Qualityless In The Investigation.
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उज्जैनएक घंटा पहलेलेखक: रामसिंह चौहान
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यह वह सोडियम हाइपो क्लोराइट जो जिला अस्पतालों में कोरोना वायरस को मारने के लिए खरीदा गया था।
- 98 प्रतिशत पानी और 2 प्रतिशत के अंदर ही सोडियम हाइपो क्लोराइट पाया गया
- प्राइवेट लैब में क्वालिटी का नहीं पाया, फिर भी कर ली इंदौर की कंपनी से खरीदी
जिला अस्पतालों में कोरोना वायरस के इंफेक्शन से निपटने के लिए जिस कंपनी से सोडियम हाइपो क्लोराइट की खरीदी की गई, वह गुणवत्ता का नहीं पाया गया है। यह खरीदी जुलाई-2020 में उस समय की गई थी, जब कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा था। मुख्यमंत्री के गृह नगर विदिशा, उज्जैन, जबलपुर व भोपाल सहित 11 जिलों के जिला अस्पतालों में कोरोना काल में उपयोग किए गया सोडियम हाइपो क्लोराइट जितना इफेक्टिव होना चाहिए था, उतना नहीं हो पाया गया है।
यह खुलासा ड्रग विभाग द्वारा की जांच में हुआ है। इस सोडियम हाइपो क्लोराइट में पानी की मात्रा 98 प्रतिशत तक पाई गई। केवल दो प्रतिशत के अंदर ही सोडियम हाइपो क्लोराइट की मात्रा पाई गई। वैज्ञानिक तथ्य के तहत 95 प्रतिशत तक पानी रह सकता है और 4 से 6 प्रतिशत तक सोडियम हाइपो क्लोराइट की मात्रा जरूरी है, तब ही वह कोरोना वायरस पर इफेक्टिव हो सकता था। शेष|पेज 6 पर
कोरोना खत्म करने के लिए
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जुलाई-2020 में सनऐजे फार्मा सांवेर रोड इंदौर से उक्त सोडियम हाइपो क्लोराइड खरीदा गया था। जिसके 100 जार (एक जार में 5 लीटर) सोडियम हाइपो क्लोराइड की खरीदी 16,800 रुपए की दर पर गई थी। जिसकी सप्लाई विदिशा, भोपाल, उज्जैन व जबलपुर आदि जिलों के जिला अस्पतालों में कोरोना वायरस को नष्ट करने के लिए की गई थी। उक्त फर्म की 11 बैच के सभी सैंपल राज्य प्रयोगशाला की जांच में फेल पाए गए हैं। यानी इससे कोरोना वायरस पर पूर्ण रूप से असर नहीं हुआ।
एक दर्जन स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित, एक की मौत
उज्जैन जिला अस्पताल व जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों में सोडियम हाइपो क्लोराइट का उपयोग किए जाने के बावजूद यहां पर वायरस पर असर नहीं हुआ। यही वजह है कि जिला अस्पताल के डॉक्टर्स व आरएमओ डॉ. जीएस धवन व सिविल सर्जन डॉ. आरपी परमार व स्टाफ नर्स व कम्पाउंडर संक्रमित पाए गए। जिनमें जिला अस्पताल के कंपाउंडर वाहिद कुरैशी की मौत हो चुकी है।
बड़ा सवाल; निजी लैब में भी क्वालिटी का नहीं
सनऐजे फार्मा कंपनी के सोडियम हाइपो क्लोराइट की जांच प्राइवेट लैब में करवाई गई थी। जिसमें वह क्वालिटी का नहीं पाया गया था। उसके बावजूद प्रदेश के जिला अस्पतालों में उक्त कंपनी से सोडियम हाइपो क्लोराइट की सप्लाई की गई। डीसीजीआई ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की गाइड लाइन के तहत कार्रवाई की जाएगी।
4 से 6%का क्लेम किया निकला 2%, बाकी पानी
जिलों में सप्लाई के समय फार्मा कंपनी ने 4 से 6 प्रतिशत तक सोडियम हाइपो क्लोराइट की मात्रा होने का क्लेम किया था। जबकि जांच में केवल 2 प्रतिशत ही सोडियम हाइपो क्लोराइट ही पाया गया और 98 प्रतिशत पानी पाया गया। जो कोरोना वायरस का नष्ट करने के लिए प्रभावी नहीं माना जाता है।
आगे क्या… रिपोर्ट आने के बाद ड्रग विभाग ने फार्मा कंपनी व सीएमएचओ स्टोर्स को नोटिस जारी किए हैं। जवाब आने के बाद फार्मा कंपनी को पूरे प्रदेश में ब्लैक लिस्टेड की कार्रवाई की जाएगी।
इन जिलों में की गई थी सप्लाई
विदिशा, कटनी, उज्जैन, जबलपुर, धार, शाजापुर, गुना, मंडला व मंदसौर में सनऐजे फार्मा कंपनी का सोडियम हाइपो क्लोराइट सप्लाई किया गया।
यह है सोडियम हाइपो क्लोराइट का फार्मूला
सोडियम हाइपो क्लोराइट एक स्ट्रांग ऑक्सीडाइजिंग एजेंट होता है, जिसके छिड़काव से रोगाणु नष्ट हो जाते हैं। एक अध्ययन के अनुसार 4 से 6 प्रतिशत की मात्रा कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी होता है। सोडियम हाइपो क्लोराइट में केशन और हाइपो क्लोराइट का आयन होता है, इसका सूत्र एनएसीएलओ और घनत्व 1.11 जी/ सीएम2 व मोलर द्रव्यमान 74.44 जी/ एमओएल व क्वथनांक 101 डिग्री सी होता है, इसमें पानी घुलनशील होता है।
कंपनी काे नाेटिस जारी किया
^सीएमएचओ स्टोर से सनऐजे फार्मा कंपनी के सोडियम हाइपो क्लोराइट का सैंपल लिया था। जिसकी जांच राज्य प्रयोगशाला में करवाई गई। रिपोर्ट में गुणवत्ता का नहीं पाया गया है। सोडियम हाइपो क्लोराइट की मात्रा केवल दो प्रतिशत के अंदर ही पाई गई है। कंपनी व सीएमएचओ स्टोर्स को नोटिस जारी किए हैं। आगे कार्रवाई की जा रही है।’
– धर्म सिंह कुशवाह, ड्रग इंस्पेक्टर
जांच रिपाेर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी
^भोपाल कॉर्पोरेशन से सोडियम हाइपो क्लोराइट की खरीदी उज्जैन व भोपाल सहित अन्य जिलों के लिए की गई थी। जांच में सैंपल फेल होने की जानकारी सामने आई है। जांच रिपोर्ट के तहत आगे कार्रवाई की जाएगी।’
-डॉ. डीके तिवारी, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य