मझधार में निमाड़ की नैय‌ा…: निमाड़ में विकास का पर्याय बनकर रहे और बोल ऐसे कि समर्थक ही नहीं विरोधी भी कायल बन गए

मझधार में निमाड़ की नैय‌ा…: निमाड़ में विकास का पर्याय बनकर रहे और बोल ऐसे कि समर्थक ही नहीं विरोधी भी कायल बन गए


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भोपाल16 मिनट पहलेलेखक: उदय मंडलोई

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  • बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन समेत प्रदेश में विकास के लिए नंदकुमार सिंह चौहान रहते थे सदैव चिंतित

निमाड़ की नैया, नंदू भैया… पिछले कई दिन से कोरोना पीड़ित थे… कुछ दिन भोपाल में इलाज हुआ और फिर दिल्ली ले जाया गया। 2 मार्च की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली तो समर्थकों को विश्वास ही नहीं हो रहा कि नंदू भैया यूं विदा हो गए। निमाड़ में जीवन भर विकास का पर्याय बनकर रहे नंदू भैया के समर्थक तो ठीक विरोधी भी मीठी बोली के कायल रहे। बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन समेत पूरे प्रदेश के विकास के लिए वे सदैव चिंतित रहते थे। खंडवा के मीडिया प्रभारी सुनील जैन ने बताया कि शाम 4 बजे तक प्लेन से उनके शव को खंडवा लाया जाएगा। खंडवा हवाई पट्टी पर कुछ देर उनके पार्थिव शरीर को दर्शनार्थ रखकर एंबुलेंस से शाहपुर ले जाया जाएगा। जहां बुधवार को अंतिम संस्कार होगा।

शाहपुर से आकर खंडवा में की थी ऐतिहासिक रैली
वर्तमान बुरहानपुर जिला खंडवा में शामिल था। उस समय शाहपुर विधानसभा सीट हुआ करती थी। नंदू भैया ने अपना पहला विधानसभा चुनाव शाहपुर से ही लड़ा। उस समय खंडवा की राजनीति में कांग्रेस के ठाकुर शिवकुमार सिंह, महेंद्र सिंह और तनवंत सिंह कीर की तूती बोला करती थी। बुरहानपुर में विधानसभा अध्यक्ष प्रोफेसर बृजमोहन मिश्रा भाजपा के वरिष्ठ और सुलझे हुए नेता थे। ऐसे दिग्गजों के बीच शाहपुर से पहली बार चुनाव लड़ने वाले नंदू भैया ने खंडवा आकर अपना नामांकन फार्म जमा किया था तो गाड़ियों का काफिला देखकर हर कोई दंग रह गया था कि यह कौन नेता आ गया। बस, इसके बाद नंदू भैया ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, वे लगातार आगे बढ़ते रहे। विधायक-सांसद और प्रदेश अध्यक्ष तक का सफर किया। शाहपुर से खंडवा आकर उनकी की गई ऐतिहासिक रैली हर कोई याद करता है।

सिंचाई परियोजनाओं के लिए रहे हमेशा चिंतित
किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले नंदू भैया का क्षेत्र ताप्ती नदी के कारण सिंचित होने के साथ ही धनाढ‌य रहा। नंदू भैया ने खंडवा में पुनासा उदवहन सिंचाई परियोजना की मंजूरी के लिए अथक प्रयास किए। यह योजना साकार हुई तो मां नर्मदा का जल छैगांवमाखन तक लाने का पीड़ा उठाया। इस परियोनजा पर तेजी से काम चल रहा है। इसके बाद वे पंधाना क्षेत्र के हर एक गांव तक मां नर्मदा का जल पहुंचाने के लिए योजना बनवा रहे थे। किल्लौद क्षेत्र के साथ ही भीकनगांव में भी सिंचाई परियोजनाओं को मूर्त रूप दिया। इसके अलावा खंडवा-बुरहानपुर रेलवे स्टेशन को आधुनिक रूप दिया, कई ट्रेनों के स्टॉपेज शुरू करवाए। इंदिरा सागर-ओंकारेश्वर बांध परियोजना को मूर्त रूप देने में अहम भूमिका रही।
समर्थकों का गला रूंधा, नहीं निकल रहे बोल
नंदू भैया के निधन से समर्थक दुखी है। समर्थकों का गला रूंधा है तो बोल भी नहीं निकल पा रहे हैं। खंडवा के महापौर रहे सुभाष कोठारी रोते हुए बोले, भैया आ रहे हैं… नहीं ला रहे हैं… भोपाल प्रदेश कार्यालय, फिर वहां से खंडवा और सीधे शाहपुर ले जाएंगे। नंदू भैया के राइट हैंड माने जाने वाले अरुण सिंह मुन्ना ने कहा, बड़ी उम्मीद थी कि भैया ठीक होकर आएंगे, लेकिन यह क्या हो गया। जिला पंचायत खंडवा के पूर्व अध्यक्ष राजपालसिंह तोमर ने कहा, अभी तो बहुत काम बाकी थे, फिर भैया क्यों चले गए। खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा ने कहा, भैया का जाना हमारे लिए व्यक्तिगत क्षति है।

अरुण यादव ने कहा, मेरे पिता तुल्य थे
तीन बार नंदू भैया के सामने लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा वह सौम्य और सरल व्यक्ति थे। उन्होंने हमेशा मुझे एक छोटे भाई का स्नेह दिया। हमने 3 चुनाव आमने-सामने लड़े, इस दौरान जब भी हम आमने-सामने होते थे या मुलाकात होती थी तो वह मुझे स्नेह के साथ आशीर्वाद ही देते थे। उनके जाने से बड़ी क्षति निमाड़ अंचल को हुई है। एक जमीन से जुड़ा हुआ नेता हम सबने खो दिया है। हम नंदकुमार सिंह चौहान की सरलता के लिए उन्हें हमेशा याद रखेंगे। चुनाव के दौरान या चुनाव के अलावा भी हमें कभी नहीं लगा कि हम दोनों अलग-अलग पार्टी के हैं। एक पुरानी यादों को चर्चा करते हुए अरुण यादव ने बताया कि इंदौर में एक कार्यक्रम में हमारी काफी नोकझोंक हुई थी। इस दौरान हम दोनों ही अपनी-अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे, खत्म होने के बाद हम जब एक दूसरे से मिले तब नंदू भैया के मैंने पैर छुए और नंदू भैया का कहना था, अच्छा है अरुण ऐसा ही आगे करते रहो। एक पिता तुल्य व्यक्ति मैंने खो दिया और पार्टी के लिए भी एक बड़ी क्षति है। वह हमेशा मुझे अपने बच्चे की तरह ही देखते थे।

अर्चना चिटनीस बोली, हम सब के लिए बड़ी क्षति
बुरहानपुर की नेता और पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस ने कहा कि नंदू भैया के निधन की खबर आहत करने वाली है। खंडवा संसदीय क्षेत्र में वे एक अभिभावक की तरह थे। मुझे उनकी स्मृतियां बचपन से ही है। मैंने उन्हें अपने पिताजी (स्वर्गीय प्रोफेसर बृजमोहन मिश्रा) के साथ बैठकर घंटों बातें करते देखा था। भाजपा परिवार के साथ ही सभी के लिए यह अपूरणीय क्षति है। एक सहज, सरल और कर्मठ नेता हमने असमय खो दिया। मैं उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करती हूं।

स्मृति शेष: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कुछ दिन पहले एक आयोजन में नंदकुमार सिंह चौहान।

स्मृति शेष: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कुछ दिन पहले एक आयोजन में नंदकुमार सिंह चौहान।

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