Jabalpur : हाईकोर्ट में केस की जानकारी अब एक क्लिक पर मिलेगी

Jabalpur : हाईकोर्ट में केस की जानकारी अब एक क्लिक पर मिलेगी


एमपी के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक ने एप ऑनलाइन लॉन्च किया.

Jabalpur : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के इस मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए अब वकीलों के साथ पक्षकारों को बेहद आसानी से जानकारी जुटाने में मदद मिलेगी.

जबलपुर.जबलपुर हाई कोर्ट (Jabalpur HC) की मुख्य पीठ सहित ग्वालियर और इंदौर खंडपीठ में लंबित प्रकरणों की सुनवाई,आदेश या फिर अगली सुनवाई की जानकारी अब मोबाइल फोन पर सिर्फ एक क्लिक पर मिल सकेगी. हाईकोर्ट प्रशासन ने एक मोबाइल एप लॉन्च किया है जो वकीलों के साथ-साथ पक्षकारों के लिए भी बेहद उपयोगी साबित होगा.

ऑनलाइन लॉन्चिंग
डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत की मंशा के साथ हाईकोर्ट प्रशासन ने ये नया मोबाइल एप लॉन्च किया है जो न्यायालयीन कामकाज़ संबंधी जानकारी सिर्फ एक क्लिक पर देगा.जबलपुर में मुख्य न्यायधीश मध्यप्रदेश मोहम्मद रफीक ने ऑनलाइन कार्यक्रम में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का मोबाइल एप लॉन्च किया. इसका नाम है MPHC एप.उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, महाधिवक्ता की उपस्थिति में इस ऑनलाइन एप की शुरुआत की गयी.जबलपुर मुख्यपीठ सहित ग्वालियर और इंदौर बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और सहायक सॉलिसिटर जनरल भी मौजूद थे. लॉन्च की गयी ई-सर्विस मोबाइल एप्लिकेशन एंड्रॉइड ओएस और ऐप्पल आईओएस (ऑपरेटिंग सिस्टम) दोनों के साथ काम करेगी. यही वजह है कि मोबाइल एप्लिकेशन के लॉन्च से दो घंटे के भीतर ही 1000 से अधिक उपयोगकर्ताओं ने इसे डाउनलोड कर इस पर रजिस्ट्रेशन करा लिया

माय डायरीखास बात यह है कि इस मोबाइल ऐप में माय डायरी की विशेष सुविधा है, इसमें उपयोगकर्ता अधिवक्ता लंबित या निपटाए गए मामलों के विवरणों की अपनी पूरी सूची देख सकते हैं या बनाए रख सकते हैं और यदि मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है, तो फिर टैक्स्ट सर्च के आधार पर मामलों को सर्च भी कर सकते हैं.मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जल्द अपडेट होने वाले इस मोबाइल ऐप के वर्जन 2.0 में यह सुविधाएं भी उपयोगकर्ताओं को उपलब्ध कराई जाएंगी.

ई सिस्टम
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के इस मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए अब वकीलों के साथ पक्षकारों को बेहद आसानी से जानकारी जुटाने में मदद मिलेगी. हाईकोर्ट के पूरी तरह से डिजिटल होने की ओर बढ़ता हुआ एक सुनहरा कदम इसे माना जा सकता है.इससे पहले कोविड-19 के कारण ई फाइलिंग की सुविधा शुरू की गई थी जिसके साथ पक्षकार और वकील वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ना शुरू हुए.








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