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- Artists From All Over The Country, Who Put Netaji’s Contingents On 400 Meters Of Canvas On 125th Birth Anniversary, Will Remember Memories Of The 1939 Tripuri Session
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जबलपुरएक घंटा पहले
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400 मीटर कैनवास पर राष्ट्रपिता और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आकृति को कैनवास पर उतारते कलाकार।
- एनजीएमए के तत्वावधान में गोलबाजार में देश भर के कलाकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जीवन यात्रा को कैनवास पर उतार रहे
- संस्कारधानी के रोम-रोम में बसे नेताजी की 125वीं जयंती पर जबलपुर फिर लिखने जा रहा स्वर्णिम इतिहास
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर जबलपुर एक बार फिर स्वर्णिम इतिहास लिखने जा रहा है। संस्कारधानी के रोम-राेम में बसे नेताजी का पूरा जीवन वृत्त 400 मीटर लंबे कैनवास पर उतारा जा रहा है। राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमए), संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में देश भर के कलाकार उनके संघर्षों और जीवन के अनमोल क्षणों को चित्रांकित कर रहे हैं।
जबलपुर के शहीद स्मारक गोलाबाजार में नर्मदा की लहरों जैसे कैनवास पर राष्ट्रनायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का समग्र जीवनवृत्त उतारा जा रहा है। एनजीएमए के महानिदेशक अद्वैत गड़नायक के मुताबिक दो मार्च से 400 मीटर कैनवास पर स्थानीय, प्रादेशिक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्यातिलब्ध बेहतरीन चित्रकारों और फाइन आर्ट स्टूडेंट्स अपनी प्रतिभा का परिचय दे रहे हैं। पांच मार्च तक चलने वाले इस आयोजन केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रहलाद सिंह पटेल की अगुवाई में इसका आयोजन हो रहा है।
कूंची-कल्पना-कौशल का कमाल
गोलबाजार के गोलाकार प्रांगण में वृत्तनुमा कैनवास पर कूंची-कल्पना-कौशल का कमाल नजर आने लगा। इंदौर से आईं गर्वंमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ फाइन आर्ट से डाक्टरेट समिधा पालीवाल अपनी टीम के सदस्यों विशाल हंस, लोकेश नायक, शुचि, रितेश, दुर्गेश, पूजा सहित अन्य के साथ नेताजी के व्यक्तित्व-कृत्तिव को रेखांकित कर रही थीं।
हर उम्र के कलाकार दिखा रहे हुनर
वहीं दूसरी तरफ शांतिनिकेतन व खैरागढ़ से फाइन आर्ट की शिक्षा पूरी करने वाले रवींद्र राय भी अपनी टीम के साथ श्वेत आधार पर रेखांकन कर रंग भरने में दत्तचित्त दिखे। नेताजी के जीवन को चित्रांकन के जरिए साकार करने वाले कलाकारों में हर उम्र हुनर देखने को मिल रहे हैं। सभी अपनी थीम के हिसाब से अपने भीतर की रचनात्मकता, सौंदर्यबोध, ऊर्जा व कलात्मकता का प्रदर्शन करने में जुटे हैं।

नेताजी के जीवन से जुड़े हर महत्वपूर्ण क्षण को रंगों से आकार देने में जुटे कलाकार।
भारतीय इतिहास का निर्णायक मोड़ था त्रिपुरी अधिवेशन
जब सभी कैनवास अपने ऊपर उकेरे चित्रों की समग्रता से सज जाएंगे, तब एक नजर में नेताजी का संपूर्ण जीवन आंखों के सामने झलक उठेगा। साथ ही 1939 के त्रिपुरी अधिवेशन की यादें भी ताजा हो जाएंगी, जिसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रत्याशी पट्टाभि सीतारमैया को पराजित कर अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर निर्वाचित हुए थे। इस जीत ने भारतीय राजनीति को ऐतिहासिक मोड़ दे दिया था। जबलपुर सेंट्रल जेल में ही नेताजी को अंग्रेजों ने रखा भी था।
तस्वीरों में देखें कैनवास पर नेताजी का जीवन वृत्त

नेताजी के जीवन वृत्त को कैनवास पर उता रहे कलाकार।

125वीं जयंती पर संस्कारधानी याद कर रही देश के वीर सपूत को।

देश के हर प्रांत से पहुंचे कलाकार कल्पना को दे रहे आकार।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के विविध स्वरूप को जीवंत कर रहे कलाकार।

गोलबाजार शहीद स्मारक में 400 मीटर कैनवास पर उतर रहा जीवन वृत्त।